इस दिन शिवालय में विशेष कामना के लिए घी का अखंड दीपक जरूर जलाएं. साथ ही मां पार्वती को सुहाग की सामग्री अपर्ति कर अपनी मनोकामना कहें.
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नई दिल्ली: सौभाग्य का व्रत हरतालिका तीज इस बार दो सितंबर को है. कई पंचांगों में 1 सितंबर का उल्लेख होने से भ्रम की स्थिति बनी हुई है. लेकिन किसी भी संशय में ना रहे. काशी विश्वनाथ पंचांग के साथ दूसरे सर्वमान्य पंचांग के मुताबिक 2 सितंबर को सुबह 8.30 तक तृतीया तिथि होने से तीज का व्रत और पूजन इसी दिन किया जाएगा. साथ ही इस दिन सोमवार के साथ गणेश चतुर्थी का योग बनने से इस बार का हरितालिका तीज कई खास संयोगकारी है.
ज़ी न्यूज से बातचीत में आचार्य कमल नयन तिवारी ने बताया कि एक तो भोलेनाथ का दिन, दूसरा तीज का त्योहार और तीसरा इस दिन गणेश उत्सव यानी गणेश जी का जन्मोत्सव. अपने आप में मंगलकारी और शुभकारी है. उन्होंने बताया कि जो महिलाएं इस दिन पूरा व्रत यानी निर्जला ना रख सकें. वो इस दिन शाम के वक्त 16 श्रृंगार कर मां पार्वती और भोलेनाथ का विधि-विधान और पूरे भाव से पूजन करें. इसके बाद अपने पति और बड़ों का आशीर्वाद लें. महिलाएं इसके बाद फलाहार और पानी पी सकती है. वहीं, जो महिलाएं निर्जला व्रत रखें, वे अगले दिन 3 सितंबर को सूर्योदय का बाद व्रत खोलें.
पूजन में इन मंत्रों का करें पाठ
पूजन के समय हरितालिका तीज की कथा सुनें. साथ ही इन मंत्रों का पाठ-जाप करें.
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्. रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि|
शरणागत-दीनार्त-परित्राण-परायणे,. सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोस्तुते||
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य|
प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य||
कर्पूर गौरम करुणावतारं, संसार सारं भुजगेन्द्र हारं|
सदा वसंतं हृदयार विन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि||
इस दिन शिवालय में विशेष कामना के लिए घी का अखंड दीपक जरूर जलाएं. साथ ही मां पार्वती को सुहाग की सामग्री अपर्ति कर अपनी मनोकामना कहें.