नई दिल्‍ली: समाज को बनाने-बिगाड़ने में महिलाओं की भूमिका बहुत अहम होती है. हर जमाने के विद्वानों ने इस बात को बखूबी समझा है और उसे ध्‍यान में रखकर उनके विकास के लिए काम भी किए हैं. आचार्य चाणक्‍य भी ऐसे विद्वानों में से एक हैं, जिन्‍होंने महिलाओं की भूमिका के बारे में गहराई से बताते हुए उनके गुण-अवगुणों के बारे में भी बताया है. आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि यदि महिला गुणी हो तो वह समाज को ऊंचाइयों पर ले जाती है जबकि महिला के अवगुण सब कुछ तबाह करने की ताकत रखते हैं. 


बहुत खतरनाक हैं ये बुराइयां 


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चाणक्‍य नीति में कहा गया है कि शिक्षित और बुद्धिमान एक संस्‍कारी और सभ्‍य समाज का निर्माण करती हैं इसलिए उनकी शिक्षा और विकास बहुत जरूरी है. वहीं उनकी कुछ बुराइयों के बारे में भी आचार्य चाणक्‍य ने बताया है. 
 
- आचार्य चाणक्‍य के मुताबिक स्‍त्री में लालच की भावना बहुत खतरनाक होती है. यह न केवल घर की शांति भंग कर देती है बल्कि कई बार पूरे परिवार की बर्बादी का कारण भी बनती है. 


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- अहंकारी स्‍त्री से मां सरस्‍वती और मां लक्ष्‍मी दोनों ही नाराज रहती हैं. ऐसे में ना तो वह अपने ज्ञान-बुद्धिमानी का उपयोग कर पाती है. साथ ही उसका ऐसा व्‍यवहार सुख-समृद्धि भी खत्‍म कर देता है.  


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परिजन करें महिला की रक्षा 


आचार्य चाणक्‍य कहते हैं पिता, पति और पुत्र समेत पूरे परिवार की जिम्‍मेदारी होती है कि वे महिलाओं की रक्षा करें. उसे किसी और के सहारे छोड़ना उसकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होता है. महिलाओं-लड़कियों की रक्षा के मामले में किसी पर भी भरोसा करना उचित नहीं है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)