खास मौकों-त्योहारों पर Home Decorate करने के पीछे है विशेष कारण, जानिए Vastu में क्या है इसका महत्व
त्यौहारों, खास मौकों पर घर-दफ्तर को सजाया जाता है. ऐसा करने के पीछे उस जगह को केवल खूबसूरत बनाना ही नहीं है, बल्कि उसके पीछे एक और अहम कारण है.
नई दिल्ली: घर के सदस्यों की खुशहाली, सेहत और सफलता में घर के वास्तु की अहम भूमिका होती है. लिहाजा घर का वास्तु सही होना बहुत जरूरी है, तभी घर में सकारात्मकता रहती है. हमारे देश में खास मौकों पर घर को फूलों, दीपकों, रांगोली आदि से घर को सजाने की जो परंपरा है, उसके पीछे वास्तु भी एक कारण है. ऐसे अवसरों पर घर के मुख्य द्वार को खासतौर पर सजाया जाता है. आज हम जानते हैं खास अवसरों पर घर-दफ्तर की सजावट क्यों की जाती है.
सजावट से पहले इन बातों का रखें ध्यान
वास्तु में घर-इमारत का मुख्य द्वार बहुत महत्वपूर्ण होता है. किसी भी पर्व पर मुख्य द्वार पर तोरण, रंगोली, लाइटिंग की जाती है, ताकि घर में सकारात्मकता और शुभता आए. ऐसा सुंदर द्वार देवी लक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं की कृपा को आमंत्रित करता है. हालांकि सजावट करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
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- सजावट से पहले देख लें कि मुख्य द्वार में कहीं कोई छेद या दरार न हो. साथ ही खोलते और बंद करते समय आवाज न आती हो. इसे वास्तु के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता है. त्योहारों पर सजावट करने से पहले घर की साफ-सफाई और लिपाई-पुताई करते हैं, क्योंकि दरारें, टूट-फूट, सीलन के निशान और बदरंगी दीवारें शुभ ऊर्जा को ग्रहण करने में असमर्थ होती हैं.
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- सजावट के साथ-साथ धूप-अगरबत्ती से वातावरण को सुगंधित भी करें. सजावट कितनी भी अच्छी हो, यदि वहां दुर्गंध होगी तो लक्ष्मी जी का प्रवेश नहीं होगा.
- पुराने और अनुपयोगी सामानों की विदाई जरूरी है. कबाड़ से मुक्ति पाने का सीधा संबंध आर्थिक प्रगति से है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)