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नई दिल्ली: ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) का बहुत महत्व है. स्कंदपुराण में तो इसे पर्व माना गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने की परंपरा है. इस पूर्णिमा पर व्रत और दान करने से बहुत पुण्यलाभ मिलता है. इस बार यह पर्व 24 जून को है और खास बात यह है कि इस पूर्णिमा पर एक बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है.
यह पूर्णिमा तिथि गुरुवार के दिन पड़ रही है. पूर्णिमा का गुरुवार के दिन पड़ना सुख-समृद्धि की नजर से बहुत शुभ माना जाता है. गुरुवारी पूर्णिमा पर किए गए दान-पुण्य से सुख-समृद्धि और सौभाग्य (Luck) में बढ़ोतरी होती है. इस पूर्णिमा पर जरूरतमंदों को दान (Daan) अवश्य दें क्योंकि फिर ऐसा शुभ संयोग अब एक साल बाद ही बनेगा.
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वैसे तो सभी तीज-त्योहार और खास मौकों पर गंगा स्नान करने का बड़ा महत्व है. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर तो ऐसा करना बहुत लाभकारी होता है लेकिन कोविड महामारी के चलते इस साल ऐसा करना उचित नहीं है. लिहाजा घर पर ही गंगा या किसी पवित्र नदी के जल मिले पानी से स्नान करें. इसके बाद भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा करें. इससे सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके अलावा ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा पर पितरों की विशेष पूजा करना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए.
इस दिन चंद्रमा सौलह कलाओं वाला होता है यानी कि सूर्य और चन्द्रमा के बीच 169 से 180 डिग्री का अंतर होता है. जिससे ये दोनों आमने-सामने होते हैं. इस दिन औषधियों का सेवन करने से उम्र बढ़ती है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)