Karwa Chauth 2021: करवा चौथ पर बन रहा है विशेष संयोग, सुख-समृद्धि पाने के लिए जरूर करें ये काम
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Karwa Chauth 2021: करवा चौथ पर बन रहा है विशेष संयोग, सुख-समृद्धि पाने के लिए जरूर करें ये काम

करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) रखने वाली सुहागिनें सभी जरूरी नियमों (Rules) का पालन करें क्‍योंकि इस साल करवा चौथ पर बना रहा विशेष संयोग (Vishesh Sanyog) उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी कराएगा. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: पति की अच्‍छी सेहत और लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है. यदि इस व्रत को सही तरीके से और पूरे विधि-विधान से रखा जाए तो सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत कार्तिक महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है, जो कि इस साल 24 अक्‍टूबर 2021 को है. यह व्रत सूर्योदय (Sunrise) के पहले शुरू होता है और रात में चंद्रमा (Moon) को अर्ध्‍य देने के साथ पूरा होता है.   

  1. बेहद शुभ है इस साल का करवा चौथ व्रत 
  2. रविवार की चतुर्थी होत है बहुत शुभ 
  3. सही तरीके से रखें व्रत  

बहुत शुभ होता है रविवार का करवा चौथ 

इस बार करवा चौथ 24 अक्‍टूबर 2021, रविवार (Sunday) को पड़ रहा है. रविवार और मंगलवार को करवा चौथ का पड़ना बहुत शुभ होता है. दरअसल, रविवार और मंगलवार को पड़ने वाली सभी चतुर्थी बहुत शुभ मानी जाती हैं. गणेश चतुर्थी का व्रत तो मंगलवार की चतुर्थी से ही शुरू किया जाता है. ऐसे में इस करवा चौथ पर पूरे विधि-विधान से नियमपूर्वक व्रत करें तो व्रती की सारी मनोकामनाएं जरूर पूरी होंगी. 

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ये है पूजा का शुभ मु‍हूर्त

चतुर्थी तिथ‍ि 24 अक्‍टूबर 2021 को सुबह 03:01 बजे शुरू होगी और 25 अक्‍टूबर को सुबह 05:43 मिनट पर समाप्‍त होगी. करवा चौथ की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्‍टूबर 2021 को शाम 06:55 से 08:51 बजे तक है. वहीं चंद्रोदय रात 08:11 पर होगा. 

ऐसे करें करवा चौथ व्रत 

इस दिन विवाहित महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर नहा-धोकर सास द्वारा दी गई सरगी खाती हैं. इसके बाद पूरा दिन निर्जला और निराहार रहना होता है. शाम को महिलाएं सोलह शृंगार करके शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करती हैं. भगवान शंकर के पूरे परिवार की पूजा सुख-समृद्धि देती है. साथ ही करवे (मिट्टी के बर्तन) में पकवान रखकर करवे की पूजा करें. फिर रात में चंद्रमा को अर्ध्‍य दें, साथ ही गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए. इसके बाद पति का मुंह छलनी में देखें और फिर व्रत खोलें. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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