देश के ये 5 Shani Temples हैं बहुत खास, शनि Shingnapur गांव में नहीं लगते हैं ताले, जानें रोचक बातें
Shani Temples in India: शनि देव के कुछ मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध हैं. मान्यताओं के मुताबिक इनमें से कुछ मंदिर राजा-महाराजाओं ने बनवाए थे तो कुछ मंदिरों के निर्माण के लिए शनि देव ने खुद आदेश दिए थे.
नई दिल्ली: शनि भगवान को धर्म और ज्योतिष दोनों में बहुत महत्व दिया गया है. ज्योतिष के अनुसार शनि की कुंडली में अच्छी या बुरी स्थिति बहुत असरकारक होती है. शनि को न्याय का देवता भी माना गया है, लिहाजा ढैय्या या साढ़ेसाती के दौरान वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं. ऐसे में शनि के जुड़े दोषों को दूर करने के लिए लोग विभिन्न उपाय करते हैं. इसके लिए कुछ उपाय शनि देव के खास मंदिरों (Shani Temples) में जाकर करने के लिए भी कहा जाता है. 10 जून को शनि जयंती (Shani Jayanti 2021) है, इस मौके पर उनके विशेष मंदिरों के बारे में जानते हैं.
देश के खास शनि मंदिर
देश में कुछ शनि मंदिर बहुत खास हैं. कहते हैं इन मंदिरों में शनि देव साक्षात विराजमान हैं. लिहाजा दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए यहां आते हैं और शनि देव की कृपा पाते हैं.
1.शनि शिंगनापुर (Shani Shingnapur), महाराष्ट्र: शनि देव का यह सबसे प्रसिद्ध मंदिर है. शिंगनापुर गांव की खास बात है कि यहां किसी घर, दुकान में कहीं भी ताले नहीं लगते हैं क्योंकि इस गांव में चोरी ही नहीं होती है. मान्यता है कि इस गांव की रक्षा खुद शनि देव करते हैं.
कहते हैं कि एक बार शिंगनापुर गांव में बाढ़ आ गई और उसमें एक काला पत्थर बहकर आ गया और पेड़ पर अटक गया. किसी व्यक्ति ने पत्थर को पेड़ से गिराने की कोशिश की तो पत्थर से खून निकलने लगा. व्यक्ति उसे ऐसे ही छोड़कर चला गया. अगले दिन गांव के ही एक व्यक्ति के सपने में शनि देव ने आकर कहा कि इस पत्थर की गांव में स्थापना कराओ. तब से ही यह पत्थर शनि देव के रूप में यहां विराजमान है.
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2. कोकिलावन शनि मंदिर, यूपी: मथुरा के कोसीकलां गांव के इस मंदिर में शनि देव के दर्शन मात्र से कई कष्ट दूर होते हैं. जिन लोगों की ढैय्या (Dhaiya) या साढ़ेसाती (Sade Sati) चल रही हो, उन्हें यहां दर्शन करने से बहुत लाभ होता है.
3.शनि मंदिर, उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर के महाकालेश्वर मंदिर के साथ-साथ शनि मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है. क्षिप्रा नदी के तट पर बने इस मंदिर की स्थापना 2,000 साल पहले राजा विक्रमादित्य ने की थी. यहां शनि देव, शिव के रूप में विराजमान है. यहां की शनि मूर्ति को ढैय्या कहते हैं. जिन लोगों पर ढैय्या चल रही है, उन्हें तेल चढ़ाने से राहत मिलती है.
4.शनि मंदिर, तिरुनल्लर: तमिलनाडु के तिरुनल्लर का यह मंदिर राज्य के नवग्रह मंदिरों में से एक है. इस मंदिर की भी बहुत मान्यता है. यहां दर्शन करने से शनि का प्रकोप दूर होता है.
5. शनि मंदिर, इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का यह शनि मंदिर करीब 350 साल पुराना है. इसके पीछे कथा है कि इस शहर के निवासी पंडित गोपालदास तिवारी के आंखों की रोशनी चली गई थी. एक बार सपने में शनि भगवान ने आकर उन्हें एक टीले की खुदाई करवाने का आदेश दिया. जब टीले की खुदाई करवाई गई तो वहां से शनि भगवान की मूर्ति निकली. इस मूर्ति की स्थापना के बाद पंडित जी की आंखों की रोशनी आ गई.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)