नई दिल्‍ली: हिंदू धर्म और ज्‍योतिष में तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) का विशेष महत्व बताया गया है. भगवान विष्‍णु (Lord Vishnu) को प्रिय तुलसी (Tulsi) से जुड़ी कई पौराणिक मान्यताएं हैं साथ ही घर में तुलसी का पौधा लगाने और उसका सेवन करने के कई वैज्ञानिक लाभ हैं. पर्यावरण को शुद्ध करने वाले, सकारात्‍मकता लाने वाले तुलसी के पौधे को घर के सामने लगाने की सलाह दी जाती है. साथ ही इसमें रोजाना जल चढ़ाने, पूजा करने से जिंदगी में समृद्धि और खुशहाली आती है. आज हम जानते हैं पूजनीय तुलसी के पत्तों (Tulsi Leaves) को तोड़ने का सही तरीका क्‍या है. 


तुलसी के पत्तों को तोड़ने का सही तरीका


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- ज्योतिष के मुताबिक रविवार के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए और ना ही तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा अमावस्या, चतुर्दशी और द्वादशी के दिन भी तुलसी का पत्ता तोड़ना अशुभ माना जाता है. इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने से जीवन में आर्थिक मुश्किलें आ सकती हैं.


- सूर्यास्त के बाद कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. मान्‍यता है कि माता तुलसी, देवी राधा का ही एक स्वरूप हैं और शाम के समय श्री राधारानी वन में श्री कृष्ण के साथ रास रचाने जाती हैं. ऐसे में शाम के समय तुलसी के पत्ते तोड़ने से रास में बाधा आती है. 


- इसके अलावा सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए.


- तुलसी के पौधे को बिना नहाए नहीं छूना चाहिए. इसके अलावा भगवान के प्रसाद के लिए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करते समय ध्‍यान रखें कि पत्ते 11 दिन से ज्यादा पुराने न हों. 


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- इसके अलावा तुलसी के पत्तों को कभी भी नाखून से नहीं तोड़ना चाहिए. बल्कि उंगली की पोर से तोड़ना चाहिए. हो सके तो तोड़ने की बजाय गमले में पहले से टूटे हुए गिरे पत्तों को इस्तेमाल करना चाहिए.


- घर में कभी भी सूखा हुआ तुलसी का पौधा नहीं रखें, ऐसा अशुभ होता है. यदि सूख जाए तो पौधे को किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें. 


- कभी भी भगवान शंकर और गणेश जी को तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए. 


(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)