Mrigashira Nakshatra: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले होते हैं शुभ, अपने दम पर हासिल करते हैं कामयाबी
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Mrigashira Nakshatra: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले होते हैं शुभ, अपने दम पर हासिल करते हैं कामयाबी

सनातन धर्म में सभी नक्षत्रों की अपनी अलग विशेषता होती है. इसका प्रभाव उस नक्षत्र विशेष में पैदा हुए लोगों पर भी दिखता है. ज्योतिषशास्त्र में 5वें यानी मृगशिरा नक्षत्र (Mrigashira Nakshatra Meaning) को बेहद शुभ और विशेष माना गया है. 

Mrigashira Nakshatra: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले होते हैं शुभ, अपने दम पर हासिल करते हैं कामयाबी

नई दिल्ली: सनातन धर्म में नक्षत्रों का विशेष महत्व है. ज्योतिषशास्त्र में अभिजीत नक्षत्र को मिलाकर कुल 28 नक्षत्रों का जिक्र किया गया है. सभी नक्षत्रों की अपनी अलग अलग खूबियां होती हैं. इसका प्रभाव उस नक्षत्र विशेष में पैदा हुए लोगों पर भी दिखता है. ज्योतिषशास्त्र में 5वें यानी मृगशिरा नक्षत्र को बेहद शुभ और विशेष माना गया है. इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग आमतौर पर सुखमय जीवन जीते हैं और अपने दम पर जीवन में बेहतर मुकाम हासिल करते हैं. एक बार इनकी खूबियों को जानेंगे तो आप इन पर जीवन भर भरोसा करेंगे. आइए आपको बताते हैं इस नक्षत्र के बारे में और भी रोचक बातें.

  1. ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के मुताबिक हर नक्षत्र का ग्रह स्‍वामी होता ही है
  2. मृगशिरा नक्षत्र का ग्रह स्‍वामी मंगल ग्रह है
  3. इस नक्षत्र में जन्‍में लोगों पर मंगल का सीधा प्रभाव देखने को मिलता है

ब्रह्माजी का स्वरूप है ये नक्षत्र 

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक मृगशिरा नक्षत्र पांचवें स्‍थान पर आता है. इस नक्षत्र के बारे में कथा है कि एक बार ब्रह्मा का मोह उनकी ही पुत्री पर जाग्रत हो गया. इससे भोलेनाथ को बहुत क्रोध हुआ। क्रोध में उन्‍होंने ब्रह्म्‍देव पर बाण चला दिया. शिव के इस रौद्र रूप को देखकर ब्रह्मा जी काफी भयभीत होकर आकाश की ओर भागे। जब उन्‍हें इस बाण से बचने का कोई रास्‍ता नहीं दिखा तो वह आकाश में मृगशिरा नक्षत्र के रूप में स्‍थापित हो गए. शिव के क्रोध से बचने के लिए उस समय उन्‍होंने हिरन यानी कि मृग का रूप लिया हुआ था इस कारण जब वह नक्षत्र बनें तो उनका नाम मृगशिरा नक्षत्र हो गया. कहते हैं कि शिवजी के बाण ने उन्‍हें आज तक माफ नहीं किया है. आज भी वह बाण आर्द्रा नक्षत्र के रूप में मृगशिरा रूपी ब्रह्माजी के पीछे पड़ा है.

इस नक्षत्र वालों पर मंगल का प्रभाव 

ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के मुताबिक हर नक्षत्र का ग्रह स्‍वामी होता ही है, जिसका प्रभाव उस नक्षत्र में जन्‍में जातक पर पड़ता है. मृगशिरा नक्षत्र का ग्रह स्‍वामी मंगल ग्रह है. इसलिए इस नक्षत्र में जन्‍में लोगों पर मंगल का सीधा प्रभाव देखने को मिलता है.

व‍िशेष होते हैं इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग 

ज्‍योतिष विज्ञान के मुताबिक इस नक्षत्र में जन्‍में लोगों का प्रेम पर बहुत विश्‍वास होता है. ये जातक अत्‍यधिक भरोसे वाले होते हैं. यही वजह है कि इस नक्षत्र में जन्‍में जातक जो भी काम अपने हाथ में लेते हैं, उसे पूरी मेहनत और लगन से पूरा करते हैं. इनकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये आकर्षक व्‍यक्तित्‍व और रूप के स्‍वामी होते हैं.

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सुखमय जीवन जीते हैं इस नक्षत्र में जन्‍में लोग 

मृगश‍िरा नक्षत्र में जन्‍में जातकों का ग्रह स्‍वामी मंगल होता है. इसलिए ये हमेशा ही ऊर्जा से भरे रहते हैं. ये जातक बहुत ही साफ दिल के होते हैं. ये लोगों को प्रेम करने वाले होते हैं लेकिन कोई छल करे तो फिर यह उसे माफ भी नहीं करते. इतना ही नहीं ये व्‍यक्तिगत जीवन में अच्‍छे मित्र साबित होते हैं. इसके अलावा प्रेम में अूटट विश्‍वास होने के चलते इनका दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है.

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