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नई दिल्ली: साल 2021 में हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है जिसे लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. लेकिन कोरोना महामारी (Coronavirus) को देखते हुए इस साल कुंभ मेले की अवधि को घटा दिया गया है. साथ ही कोरोना को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने जरूरी गाइडलाइन्स भी जारी की हैं. इस साल हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh) की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी और समापन 30 अप्रैल को होगा. पहले कुंभ मेले की शुरुआत 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के दिन से होनी थी और समापन 27 अप्रैल को होना था यानी करीब 2 महीने के लिए, लेकिन अब कुंभ मेले की अवधि को घटाकर सिर्फ 1 महीने यानी 30 दिनों का कर दिया गया है.
कुंभ मेले की अवधि कम करने के साथ ही शाही स्नान (Shahi Snan)की संख्या में भी कमी की गई है. पहले जहां कुंभ मेले के दौरान 4 शाही स्नान होते थे उसे इस बार घटाकर 3 कर दिया गया है. हरिद्वार कुंभ मेला 2021 के दौरान अप्रैल के महीने में 3 शाही स्नान होंगे-
- पहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या)
- दूसरा शाही स्नान 14 अप्रैल (बैसाखी)
- तीसरा शाही स्नान 27 अप्रैल (पूर्णिमा के दिन)
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- कुंभ मेले में आने वाले व्यक्ति के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति हरिद्वार आने की तारीख से 72 घंटे पहले तक की नेगेटिव कोविड RT-PCR रिपोर्ट साथ लेकर आए.
- कुंभ मेला हरिद्वार में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति या यात्री को महाकुंभ मेला, 2021 के वेब पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन (Registration) करवाना होगा, केवल रजिस्टर्ड लोगों को ही एंट्री मिलेगी.
- किसी भी श्रद्धालु/ श्रद्धालुओं के जत्थे को पवित्र स्नान के लिए अधिकतम 20 मिनट का समय ही दिया जाएगा.
- इन सबके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क का हर समय उपयोग (Mask) अनिवार्य होगा और सामाजिक दूर (Social Distancing) का भी पालन करना होगा.
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पवित्र नदियों में स्नान इसी बात का प्रतीक है कि यह मोक्ष की ओर बढ़ने वाला एक पवित्र कदम है. कुंभ स्नान के दौरान यह मान लिया जाता है कि नदी में स्नान उस दिव्य कलश के जल से स्नान करने जैसा है जो समुद्र मंथन के दौरान सागर से निकला था. भारत में 12 वर्षों के अंतराल पर चार स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है. कुंभ 3 प्रकार का होता है- पूर्ण कुंभ मेला, अर्ध कुंभ मेला और कुंभ मेला.