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नई दिल्ली: धन की देवी लक्ष्मी की आराधना के प्रमुख व्रत महालक्ष्मी (Mahalaxmi Vrat 2021) का आज उद्यापन किया जाएगा. यह व्रत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू हुआ था और 16 दिन बाद अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (28 सितंबर) को पूरा होगा. इस दिन हाथी पर कमल के आसन पर विराजमान गज लक्ष्मी (Gajlaxmi) माता की व्रत-पूजा विधि-विधान से करने से जिंदगी में अपार धन-वैभव मिलता है. चूंकि इस व्रत में देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं इसलिए इसे गज लक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है.
महालक्ष्मी व्रत को धर्म-शास्त्रों में बहुत अहम बताया गया है. इनके मुताबिक जब पांडवों ने अपना सब कुछ जुए में गंवा दिया था तो भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shrikrishna) ने युधिष्ठिर को यह व्रत करने की सलाह दी थी, ताकि पांडव दोबारा अपना राजपाट और धन-ऐश्वर्य पा सकें. पौराणिक मान्यता है कि गज लक्ष्मी का व्रत-पूजन से घर में कभी गरीबी नहीं आती है. साथ ही देवी गज लक्ष्मी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
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इस दिन कुछ उपाय (Upay) करने से देवी गज लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है. इसके लिए
पितृ पक्ष की अष्टमी के दिन किसी भी ब्राह्मण या सुहागन स्त्री को सोना, कलश, इत्र, आटा, शक्कर और घी भेंट करें. साथ ही कन्या को नारियल, मिश्री, मखाने और चांदी का हाथी भेंट करें. ये सामान अपनी बेटी को भी दिया जा सकता है. ऐसा करने से देवी महालक्ष्मी प्रसन्न होकर आपको अपार धन-दौलत देंगी.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)