Margashirsha Amavasya 2024: इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या पर अद्भुत संयोग बनने जा रहा है. दरअसल इस दिन शनि अमावस्या का भी संयोग बनने जा रहा है. ऐसे में इस दिन कुछ उपाय करने से पितृ दोष से राहत मिल सकती है.
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Margashirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष अमावस्या का खास धार्मिक और पौराणिक महत्व है. शास्त्रों में मार्गशीर्ष को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय महीना बताया गया है. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन उनकी विधि-विधान से पूजा करने पर हर प्रकार के रुके हुए काम पूरे होते हैं. साथ ही भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद मिलता है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा के अलावा गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. ऐसे में आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या कब है, स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के क्या खास उपाय हैं.
मार्गशीर्ष अमावस्या कब है
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 30 नवंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगी. ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत 1 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा.
स्नान-दान के लिए क्या है शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या पर स्नान दान के लिए शुभ समय सुबह 5 बजकर 8 मिनट से 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान और फिर उसके बाद दान किया जा सकता है.
ऐसे करें पितरों को प्रसन्न
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शाम के वक्त पीपल-वृक्ष के नीचें सरसों के तेल का दीपक जलाएं. मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है.
इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या पर शनिवार का विशेष संयोग बन रहा है. ऐसे में इस दिन शनि देव की प्रिय वस्तुएं जैसे- काली उड़द, काले तिल, काला कंबल और काला छाता दान कर सकते हैं.
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन विधि-विधान से पितरों का पिंडदान करें. साथ ही पितृ कवच का पाठ करें. माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से राहत मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)