Masik Shivratri 2023: हिंदू धर्म में शिवरात्रि को विशेष महत्व दिया गया है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. पंचांग के अनुसार चिरकाल में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शंकर (Lord Shiva) और माता पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे. तब से फाल्गुन मास में हर साल महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इसके साथ ही मासिक शिवरात्रि को भक्तजन हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाते हैं. शिवरात्रि के उपवास को भोलेनाथ और माता पार्वती के लिए रखा जाता है. ऐसी मान्यता है जिन लोगों के विवाह नहीं हो रहा है या विवाह में कोई अड़चन आ रही है उनको शिवरात्रि का व्रत रखने की सलाह दी जाती है. वहीं कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए भी शिवरात्रि का उपवास रखती हैं. दिसंबर के महीने को मार्गशीर्ष महीना कहा जाता है. चलिए आपको बताते हैं मार्गशीर्ष शिवरात्रि का व्रत इस महीने कब रखा जाएगा.


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कब है मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri Date) 
पंचांग के मुताबिक 11 दिसंबर 2023 शनिवार को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शरुआत 11 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर होगी. फिर 12 दिसंबर सुबह 6 बजकर 24 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा. 11 दिसंबर के दिन ही उदया तिथि को ध्यान में रखकर मासिक शिवरात्रि का उपवास (Masik Shivratri Vrat) रखा जाने वाला है. 


इस बार मासिक शिवरात्रि पर सुकर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे दुर्लभ योगों का निर्माण हो रहा है. ऐसी मान्यता है कि जो कोई भक्तजन इस योग में पूजा करते हैं तो उन पर भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष कृपा बरसती है. 


कैसे करें मासिक शिवरात्रि की पूजा
इस दिन भक्तजन सुबह स्नान करने बाद व्रत का संकल्प लेते हैं. फिर भक्तजन सूर्य देव को अर्घ्य देकर भगवान शंकर का स्मरण करते हैं. मासिक शिवरात्रि की पूजा में भगवान शिव को सफेद रंग के फूल, भांग, धतूरा, चावल और मदार के फूल चढ़ाएं जाते हैं. इस पूजा मे मंदिर के शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करके बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं. फिर पूजा के बाद आरती होती हैं और फिर मनोकामनाएं मांगी जाती हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)