मोक्षदा एकादशी व्रत 14 दिसंबर मंगलवार के दिन है. इस व्रत का पालन करने वाला मृत्यु का बाद मोक्ष प्राप्त करता है. इस व्रत को अगहन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है.
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नई दिल्ली: मोक्षदा एकादशी व्रत भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने वाला मृत्यु का बाद मोक्ष प्राप्त करता है. इस व्रत को अगहन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है. साल 2021 का आखिरी मोक्षदा एकादशी इस बार 14 दिसंबर, मंगलवार के दिन है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. साथ ही गीता के 11वें अध्याय का पाठ किया जाता है क्योंकि इससे सारे पाप कट जाते हैं. मोक्षदा एकादशी से जुड़े खास नियम जानते हैं.
मोक्षदा एकादशी से एक दिन पहले ही व्रत से जुड़े कुछ खास नियम एक दिन पहले शुरू हो जाते हैं. इस व्रत को रखने वालों को दशमी के दिन दोपहर में एक बार ही भोजन करना चाहिए. फिर उसके बाद कुछ भी खाने से परहेज करना चाहिए. मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह उठकर नहाएं. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. व्रत-संकल्प के बाद धूप,दीप और प्रसाद अर्पित कर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें. रात में श्री हरि की पूजा और भजन करना चाहिए. पूजा में भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते जरूर अर्पित करें. एकादशी के अगले दिन पूजा के बाद जरुरतमंदों को भोजन व अन्न का दान करने से खास लाभ मिलता है.
मोक्षदा एकादशी 13 दिसंबर, सोमवार की रात 09.32 बजे शुरू हो जाएगी. जो अगले दिन यानि 14 दिसंबर की रात 11.35 तक रहेगी. हिन्दू पंचाग के मुताबिक उदया तिथि के कारण मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर को रखना शुभ रहेगा. इसके अवाला इस व्रत का पारण 5 दिसंबर सुबह 07.5 से 09. 09 बजे के बीच कर लेना अच्छा है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)