26 मई को है Buddha Purnima, जानें भगवान बुद्ध की अनमोल शिक्षाएं
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26 मई को है Buddha Purnima, जानें भगवान बुद्ध की अनमोल शिक्षाएं

26 मई को बुद्ध पूर्णिमा है. वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्‍म हुआ था और इसी दिन उन्‍हें बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्‍त हुआ था.

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: भगवान बुद्ध का जन्‍म वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन हुआ था इसीलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कहते हैं. भगवान बुद्ध के अनुयायियों के लिए यह सबसे बड़ा पर्व होता है. इसी दिन भगवान बुद्ध (Bhagwan Buddha) को बोधि वृक्ष (Bodhi Tree) के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसके बाद से ही उन्‍हें बुद्ध कहा जाने लगा था. इस साल 26 मई, बुधवार को यह पर्व मनाया जाएगा. 

  1. 26 मई को है बुद्ध पूर्णिमा 
  2. जिंदगी बदल सकते हैं महात्‍मा बुद्ध के विचार 
  3. दोस्‍ती से लेकर खुशियां बांटने तक की दी हैं शिक्षाएं 

बुद्ध ने दी हैं कई अहम सीख 

भगवान बुद्ध ने अपने जीवनकाल में बहुत यात्राएं कीं और लोगों को कई शिक्षाएं दीं. वे और उनके शिष्‍यों की टोली गांव-गांव में जाकर ठहरती थी और लोगों को धर्म, सच्‍चाई, ईमानदारी के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती थी. उन्‍होंने अपनी शिक्षाओं से लोगों के जीवन में कई परिवर्तन लाए, जिसकी कहानियां मशहूर हैं.  गौतम बुद्ध की कुछ ऐसी ही अहम शिक्षाओं को जानते हैं. 

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खुशियां बांटने से बढ़ती हैं: भगवान बुद्ध ने कहा है कि खुशियां हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं. यह वैसा ही है जैसे एक दीप से कई दीप जलाए जाएं, तो इससे उजाला तो बढ़ता है लेकिन जिस दीप से इतने दीप जलाए गए उसका प्रकाश भी कम नहीं होता है.  

क्रोध की आग सबसे पहले आपको ही जलाती है: क्रोधित रहना वैसा ही है, जैसा अपने हाथ में गर्म कोयला लेकर चलना क्‍योंकि क्रोध की आग सबसे पहले आपको ही जलाती है. लिहाजा क्रोध से बचें और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें. स्‍थायी खुशी के लिए मन का साफ और अच्‍छा होना जरूरी है. सभी के लिए दिल में प्‍यार रखने वाला इंसान कभी क्रोधित नहीं होता. 

बुरे दोस्त से बचें: एक बुरा दोस्‍त जंगली जानवर से ज्‍यादा नुकसान पहुंचा सकता है क्‍योंकि जानवर तो आपके शरीर को चोट पहुंचाएगा लेकिन बुरा दोस्‍त आपकी सोच-समझ को ही बुरा बना देगा. ऐसे दोस्‍तों की संगति से बचें. 

मन को अशांत करती है ईर्ष्‍या: आप को जो मिला है, उससे संतुष्‍ट रहें और उसके लिए भगवान के आभारी रहें. दूसरों को देखकर उनसे ईर्ष्या न करें. इससे मन हमेशा अशांत रहेगा और आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे. यह समझें कि खुशी चीजों से नहीं मिलती, वह आपके अंदर ही होती है. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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