गणित और वास्तुशास्त्र का सटीक उदाहरण हैं भारत के ये 10 प्राचीन मंदिर
वास्तुशास्त्र और गणित का रिश्ता इतना गहरा है कि कई सदियों तक इन्हें दो अलग विषय माना ही नहीं गया. इतिहास में कई बार ऐसा पाया गया कि गणितज्ञ ही इमारतों के वास्तुकार रहे. भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो गणितीय और ज्यामितीय संरचनाओं से बनी भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं.
कोणार्क का सूर्य मंदिर
यह मंदिर 12 पहियों और 7 घोड़ों पर बना हुआ है, जो वर्ष के 12 महीनों और सप्ताह के 7 दिनों का प्रतीक है. पहियों की संरचना और स्थिति, सूर्य की दैनिक चाल को दर्शाती है, जिसमें हर पहिया सूर्य घड़ी की तरह काम करता है.
बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर
इस मंदिर की संरचना और डिजाइन में गणितीय सटीकता है. मुख्य गोपुरम (विमान) की ऊंचाई 216 फीट है और यह बिना किसी छाया के अपने आधार पर गिरता है.
मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
यह मंदिर गणितीय सटीकता और ज्यामिति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. मंदिर की योजनाबद्ध संरचना में केंद्रित परिपथ और सममितीय डिजाइन शामिल है.
होयसलेश्वर मंदिर, कर्नाटक
इस मंदिर की दीवारों पर जटिल नक्काशी और ज्यामितीय पैटर्न हैं. यह मंदिर उत्कृष्ट गणितीय अनुपात और समरूपता को दर्शाता है.
कैलाश मंदिर, एलोरा
यह मंदिर एक ही चट्टान से काटकर बनाया गया है और इसमें अद्वितीय ज्यामितीय संरचना और संतुलन है. इसके निर्माण में गणितीय और ज्यामितीय तकनीकों का उपयोग किया गया है.
विरुपाक्ष मंदिर, हम्पी
यह मंदिर अपने गणितीय अनुपात और संरचना के लिए जाना जाता है. मंदिर की वास्तुकला में समरूपता और ज्यामितीय पैटर्न का विस्तृत उपयोग किया गया है.
रानी की वाव, पाटण
यह सीढ़ीदार कुआं अद्वितीय ज्यामितीय डिजाइन और गणितीय संरचना का उदाहरण है. इसमें सीढ़ियों और मंडपों का जटिल गणितीय संयोजन है.
गोमतेश्वर की प्रतिमा, श्रवणबेलगोला
यह विशाल प्रतिमा गणितीय सटीकता और संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण है. प्रतिमा की ऊंचाई और अनुपात गणितीय रूप से परिपूर्ण हैं.
अंकोरवाट मंदिर, कम्बोडिया
कम्बोडिया के इस मंदिर की योजना और डिजाइन में भारतीय गणितीय और ज्यामितीय तकनीकों का उपयोग किया गया है. मंदिर की संरचना में गणितीय सटीकता और संतुलन का बेस्ट प्रदर्शन है.
सोमनाथ मंदिर, गुजरात
इस मंदिर का पुनर्निर्माण गणितीय और ज्यामितीय दृष्टिकोण से किया गया है. मंदिर की संरचना और डिजाइन में समरूपता और गणितीय अनुपात का समावेश है.