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पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा की तैयारियां शुरू, देखिए PHOTOS

भक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रथ यात्रा की तैयारियों में जुट गए हैं.

पुरी में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हो रही रथ यात्रा तैयारी

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पुरी में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हो रही रथ यात्रा तैयारी

पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. मंदिर के पुजारी और भक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रथ यात्रा की तैयारियों में जुट गए हैं.

23 जून को निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

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23 जून को निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा अगले महीने में 23 जून को निकाली जाएगी. विशाल आयोजन के लिए यात्रा की तैयारियां 1 महीने से भी पहले प्रारंभ हो चुकी हैं.

एक-दूसरे से दूरी बनाकर काम कर रहे हैं भक्त

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एक-दूसरे से दूरी बनाकर काम कर रहे हैं भक्त

कोरोना के संक्रमण से बचाव का भक्त पूरा ध्यान रख रहे हैं. लोग रथ यात्रा की तैयारियां करते वक्त एक-दूसरे से दूरी बनाकर काम कर रहे हैं.

यात्रा में देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं

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यात्रा में देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन हर साल होता है. इस धार्मिक यात्रा में देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं.

आषाढ़ माह में निकाली जाती है रथ यात्रा

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आषाढ़ माह में निकाली जाती है रथ यात्रा

हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है.

मीटिंग में भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

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मीटिंग में भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

रथ यात्रा की मीटिंग के दौरान भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक-दूसरे दूरी बनाकर बैठे दिखे.

परंपरा को गुंडिचा मार्जन कहते हैं

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परंपरा को गुंडिचा मार्जन कहते हैं

प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा के 1 दिन पहले भक्त गुंडिचा माता के मंदिर को धुलते हैं. इस परंपरा को गुंडिचा मार्जन कहते हैं.

जगन्नाथ प्रभु भगवान विष्णु के अवतार हैं

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जगन्नाथ प्रभु भगवान विष्णु के अवतार हैं

जगन्नाथ का अर्थ है ‘जगत के नाथ’. जगन्नाथ प्रभु भगवान विष्णु के अवतार हैं.

चार पवित्र धामों में से एक है भगवान जगन्नाथ का मंदिर

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चार पवित्र धामों में से एक है भगवान जगन्नाथ का मंदिर

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर है. यह भारत के चार पवित्र धामों में से एक है.

कम से कम एक बार जरूर जाएं भगवान जगन्नाथ के मंदिर

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कम से कम एक बार जरूर जाएं भगवान जगन्नाथ के मंदिर

हिंदू धर्म के अनुसार कहा जाता है कि हर आदमी को अपने जीवन में कम से कम एक बार भगवान जगन्नाथ के मंदिर में दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए.

रथ यात्रा में बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा भी होते हैं

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रथ यात्रा में बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा भी होते हैं

प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा में प्रभु के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा भी होती हैं. रथ यात्रा के समय विधि विधान से तीनों की पूजा की जाती है. यात्रा में प्रभु जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और माता सुभद्रा के तीन अलग-अलग रथ होते हैं. सभी रथों को बड़े ही भव्य और सुंदर तरीके से सजाया जाता है.

जगन्नाथ जी माता गुंडिचा के मंदिर में जाते हैं

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जगन्नाथ जी माता गुंडिचा के मंदिर में जाते हैं

यात्रा के जरिए प्रभु जगन्नाथ वर्ष में एक बार माता गुंडिचा के मंदिर में जाते हैं. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को सिर्फ पुरी या भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के अलग-अलग देशों में बड़े ही भव्य रूप से निकाला जाता है. इस पर्व को श्रद्धालु बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं.

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