Planets का होता है हमारी Body के Organs से संबंध, अंग विशेष पर डालते हैं अच्‍छा-बुरा असर
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Planets का होता है हमारी Body के Organs से संबंध, अंग विशेष पर डालते हैं अच्‍छा-बुरा असर

हर ग्रह का संबंध शरीर के किसी न किसी अंग से होता है. ग्रह कमजोर होने से उस विशेष अंग पर नकारात्‍मक असर पड़ता है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: कुंडली (Kundali) में ग्रह-उपग्रहों की स्थिति से ही व्‍यक्ति के जीवन के हर पहलू की जानकारी मिलती है. उनकी स्थिति के आधार पर ही ज्‍योतिषी भविष्‍य बताते हैं. यह ग्रह हमारे भूत-वर्तमान-भविष्‍य के साथ-साथ हमारे शरीर को भी प्रभावित करते हैं. दरअसल, हर ग्रह शरीर के अलग-अलग अंग (Organ) पर असर डालता है. ग्रहों (Planets) के कमजोर होने से उस अंग विशेष की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में कुंडली में ग्रहों की स्थिति के मुताबिक कमजोर ग्रहों से संबंधित अंगों का विशेष ख्‍याल रखा जा सकता है. आज जानते हैं कि किस ग्रह का शरीर के किस अंग से संबंध होता है. 

  1. अंगों पर असर डालते हैं ग्रह 
  2. कमजोर ग्रह होने से अंग पर होता है नकारात्‍मक असर 
  3. ग्रहों की मजबूती देती है अच्‍छी सेहत 

ग्रहों का शरीर पर असर 

सूर्य- सूर्य का प्रभाव मस्तिष्क और बुद्धि पर रहता है. इसके अलावा यह हड्डियों, अग्नाशय, मस्तक, नेत्र और हृदय पर भी असर डालता है.

चंद्र- चंद्र का असर हृदय और शरीर के अंदर मौजूद पर पानी पर रहता है. यह हमारे मन पर बहुत ज्‍यादा असर डालता है. यही वजह है कि अमावस्‍या-पूर्णिमा पर मूड स्विंग होते हैं. यह कल्पना शक्ति, इच्‍छा शक्ति और फेंफड़ों पर भी असर डालता है.

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मंगल- मंगल का प्रभाव आंखों और खून पर होता है. यह हमें साहस और निर्भिकता देता है. इसके अलावा मंगल हमारे कंठ, सत्व, पराक्रम और गुदा को भी प्रभावित करता है.

बुध- जीभ, दांत और नासाग्र पर बुध का प्रभाव रहता है. इससे हमारी वाणी, व्यवहार और बुद्धि संचालित होती है. यह हमें योग्य और विद्यावान बनाता है. इसके अलावा यह हमारे पाचन तंत्र, त्वचा और वायु पर भी प्रभाव डालता है.

गुरु- नाक और शरीर की वायु पर गुरु का प्रभाव रहता है. इसके अलावा गुरु हमारे ज्ञान, पित्त और चर्बी पर भी प्रभाव डालता है.

शुक्र- वीर्य, रस और त्वचा पर शुक्र का प्रभाव रहता है. शुक्र ग्रह के अच्‍छे स्थिति में होने पर जातक आकर्षक होगा और उसे धन-स्त्री सुख मिलेंगे. शुक्र हमारे गुप्तांग पर भी प्रभाव डालता है.

शनि- हड्डी और नाभि पर शनि का प्रभाव रहता है. शरीर की मजबूती के लिए इस ग्रह का अच्‍छी स्थिति में होना जरूरी है. वहीं नाभि हमारे जीवन का केंद्र है. शनि  अच्‍छा होने के अर्थ है कि व्यक्ति ज्ञानी और ध्यानी होगा. शनि हमारे घुटने, ऐड़ी, स्नायु और कफ पर भी असर डालता है.

राहु- मुख पर राहु का असर होता है. यह हमारी आंतों पर भी प्रभाव डालता है.

केतु- गले से लेकर हृदय तक और पैरों पर केतु का प्रभाव रहता है. यह हमारी आंतों पर भी असर डालता है.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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