Trending Photos
नई दिल्ली: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली (KUndli) में शनि (Shani) की स्थिति नकारात्मक हो तो उसकी जिंदगी मुश्किलों से भर जाती है. उस पर शनि की साढ़े साती (Sade Sati) या ढैय्या (Dhaiya) चल रही हो तो स्थिति और भी खराब हो जाती है. ढाई साल में राशि बदलने वाले ग्रह शनि जिस राशि में रहते हैं, उसके आगे और पीछे की राशि पर भी असर डालते हैं. इस तरह हमेशा शनि की साढ़े साती और ढैय्या का असर 5 राशियों (Zodiac Signs) पर बना रहता है, वहीं जिस राशि में शनि रहते हैं उस पर उनका असर सबसे ज्यादा रहता है.
अभी शनि मकर राशि में हैं. लिहाजा धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढे साती चल रही हैं. इसमें कुंभ राशि पर साढ़े साती का पहला चरण, मकर पर दूसरा और धनु राशि पर आखिरी तीसरा चरण है. धनु राशि पर शनि की साढ़े साती (Sade Sati on Sagittarius) वैसे तो 29 अप्रैल 2022 को खत्म होगी लेकिन अंतिम चरण कम असरकारक होता है इसलिए हर गुजरते दिन के साथ इसके जातकों की जिंदगी आसान होती जाएगी.
यह भी पढ़ें: गरीबी-नुकसान के पीछे कारण हो सकता है Shani-Rahu-Ketu का प्रकोप, बचने के लिए करें ये अचूक Upay
जरूरी नहीं है कि शनि की साढ़े साती और ढैय्या हमेशा नकारात्मक फल ही दे, यदि कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी हो तो इस दौरान जातक को लाभ भी मिलता है. धनु राशि के जातकों की कुंडली में भी यदि शनि शुभ भाव में हों तो उन्हें साढ़े साती का यह आखिरी चरण बड़ा फायदा करा सकता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)