Sawan 2020: सावन के दूसरे सोमवार को बाबा महाकाल की विशेष पूजा, ऐसे करें दर्शन
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Sawan 2020: सावन के दूसरे सोमवार को बाबा महाकाल की विशेष पूजा, ऐसे करें दर्शन

श्रावण माह में भगवान शिव की आराधना करने से सभी कष्टों से तुरंत मुक्ति मिलती है.

बाबा महाकाल.

नई दिल्ली: आज श्रावण मास का दूसरा सोमवार होने के कारण सुबह से ही भारी संख्या भक्त बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि कोरोना की गाइडलाइन के कारण भक्त बाबा की भस्म आरती में शामिल नहीं हो सके.

आज तड़के 2:30 बजे बाबा महाकाल के पट खोले गए और पंचामृत अभिषेक के बाद भस्म आरती शुरू हुई. हालांकि यहां तय संख्या में ही पंडे-पुजारी मौजूद थे. श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह माना गया है. मान्यता है कि श्रावण माह में भगवान शिव की आराधना करने से सभी कष्टों से तुरंत मुक्ति मिलती है.

श्रावण के दूसरे सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्म आरती की गई. भस्म आरती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महापंचामृत अभिषेक किया गया जिसमें दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से अभिषेक हुआ. अभिषेक के बाद भांग और चंदन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया फिर बाबा को भस्म चढाई गई. भस्मिभूत होने के बाद भगवान को वस्त्र धारण करवाए गए और फिर झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े और शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई.

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वैसे तो प्रति वर्ष सावन माह की भस्म आरती में 2,000 से अधिक भक्त शामिल होते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं के शामिल होने पर पूरी तरह प्रतिबंध है. आम श्रद्धालु केवल बाबा महाकाल के दूर से ही दर्शन ही कर सकेंगे. दर्शन के लिए सुबह 5:30 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक का समय तय किया गया है. इस दौरान केवल वही भक्त दर्शन कर सकेंगे जिन्होंने पूर्व में दर्शन के लिए बुकिंग करके रखी है. महाकाल मंदिर समिति ने सावन माह में प्रतिदिन 10,000 भक्तों को दर्शन करवाने का प्रबंध किया है.

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श्रावण मास में सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकाले जाने की भी परंपरा है इसीलिए आज शाम को बाबा की सवारी भी निकाली जाएगी. मान्यता है कि अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए सवारी के रूप में राजा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते है. हालांकि कोरोना संकट काल की वजह से सवारी में कोई भी श्रद्धालु शामिल नहीं होगा और सवारी मार्ग भी परिवर्तित करके छोटा कर दिया गया है. सवारी के दर्शन भक्त केवल मोबाइल ऐप और लाइव टीवी प्रसारण के माध्यम से ही देख सकेंगे.

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