Trending Photos
नई दिल्ली: शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. हिंदू पंचांग में ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती (Shani Jayanti 2021) मनाई जाती है. इस दिन पूजा-अर्चना करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आज शनि जयंती पर ज्योतिर्विद् मदन गुप्ता सपाटू से जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि.
शुभ मुहूर्त- गुरुवार, जून 10, 2021
अमावस्या तिथि आरंभ: 14:00:25 (9 जून 2021)
अमावस्या तिथि समाप्ति: 16:24:10 (10 जून 2021)
शनि जयंती पूजा विधि- इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं. शनिदेव की मूर्ति पर तेल, फूल माला और प्रसाद अर्पित करें. उनके चरणों में काले उड़द और तिल चढ़ाएं. इसके बाद तेल का दीपक जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें. इस दिन व्रत रखने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
शनि जयंती के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराना बेहद शुभ फल देता है. हिन्दू धर्म में शनि ग्रह को शनि देव के रूप में पूजा जाता है. पौराणिक शास्त्रों में शनि को सूर्य देव का पुत्र माना गया है. शास्त्रों में ऐसा वर्णन आता है कि सूर्य ने श्याम वर्ण के कारण शनि को अपना पुत्र मानने से इनकार कर दिया था. तभी से शनि, सूर्य से शत्रु का भाव रखते हैं.
ज्योतिषशास्त्र में सभी ग्रहों में शनि का विशेष महत्व होता है. कुंडली में शनि के शुभ और अशुभ स्थिति का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. शनि न्याय के भी देवता माने जाते हैं. ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को भगवान शनिदेव का जन्मोत्सव मनाया जाता है. शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि की महादशा से परेशान लोगों के लिए यह दिन विशेष फल देने वाला होता है.
मिथुन राशि: इस समय मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. इस दौरान शनि की वक्री चाल अर्थात उल्टी चाल से इस राशि के जातकों के जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इन्हें वाहन चलाने में अति सावधानी बरतनी चाहिए. स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है इस लिए इसे लेकर सचेत रहें.
तुला राशि: तुला राशि पर भी शनि की ढैय्या का कुप्रभाव है. शनि की उल्टी चाल इस राशि के जातकों पर मुश्किलें ला सकती है. इस दौरान वाद-विवाद से बचें. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. पिता से मतभेद हो सकता है. यात्रा के दौरान कष्ट संभव है.
धनु राशि: इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. शनि की वक्री चाल से इस दौरान इस राशि के जातकों को अत्यंत सावधान रहने की जरूरत है. इस दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत से बचें. संपत्ति के मामले में हानि हो सकती है. वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है. धन हानि के योग है.
ये भी पढ़ें: देश के ये 5 Shani Temples हैं बहुत खास, जानें इनसे जुड़ी रोचक बातें
मकर राशि: शनि इस दौरान मकर राशि में ही विराजमान हैं. इनकी वक्री चाल से सबसे अधिक प्रभाव मकर राशि पर ही पड़ेगा. मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है. ऐसे में इस राशि के जातकों को काफी सोच-विचार कर ही काम करना चाहिए. वाद विवाद से बचें. धैर्य से काम करें.
कुंभ राशि: कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है. शनि की वक्री चाल के दौरान कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. इस दौरान निवेश से बचें रिश्तों में दरार आ सकती है.
पैरों से संबंधित कोई बीमारी हो सकती है. कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है, जो आपसे आपकी क्षमता से अधिक काम करवाता है और आपको उस काम का श्रेय भी नहीं मिलता. लगातार पैसों का नुकसान होता रहता है.
आपके घर के पालतू काले जानवर (जैसे- काला कुत्ता या भैंस) की मृत्यु हो सकती है. बनते काम बिगड़ सकते हैं.
बहुत मेहनत करने के बाद भी उसका थोड़ा ही फल मिलता है. कोई झूठा आरोप लग सकता है, कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं.
नौकरीपेशा लोगों को ऑफिस में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कोई महंगी चीज खो सकती है या चोरी हो सकती है.
घर की दीवारों पर पीपल के पौधे उगने शुरू हो जाते हैं. बार-बार मकड़ियां घर के कोनों में अपना जाल बनने लगें तो समझिए भगवान शनि देव की आपके ऊपर काली छाया पड़ने वाली है. चींटियों का आना भी शनि के अशुभ प्रभाव के बारे में हमें संकेत देता है.
काली बिल्लियों का आपके घर के आस-पास रहना भी शनि की अशुभ छाया का संकेत होता है.
ये भी पढ़ें: राशिफल में जानें सत्यनारायण भगवान को प्रसन्न करने के उपाय, दरिद्रता होगी दूर
-प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें. कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं. भिखारी, निर्बल-दुर्बल या अशक्त व्यक्ति अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों की सेवा करें.
-तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान देना चाहिए. शनिवार के दिन छाया पात्र (तिल का तेल एक कटोरी में लेकर उसमें अपना मुंह देखकर शनि मंदिर में रखना) शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए. तिल के तेल से शनि देव शीघ्र ही प्रसन्न होते है.
-काली चीजें जैसे काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े आदि का दान सामर्थ्यानुसार नि:स्वार्थ मन से किसी गरीब को करें. ऐसा करने से शनिदेव जल्द ही प्रसन्न होकर आपका कल्याण करेंगे.
-पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें. शनिवार के दिन तिल का तेल का दीप जलाएं और पूजा करें.
-तेल में बनी खाद्य सामग्री का दान गाय, कुत्ता व भिखारी को करें. मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
इस मंत्र का जाप भी लाभदायक रहता है-
ॐ शं शनैश्चराय नमः