सूर्य ग्रहण : माता वैष्‍णो देवी की प्रात:कालीन दिव्य आरती का समय भी बदला, खुले रहे कपाट
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सूर्य ग्रहण : माता वैष्‍णो देवी की प्रात:कालीन दिव्य आरती का समय भी बदला, खुले रहे कपाट

Solar Eclipse : हालांकि सूर्य ग्रहण हो या फिर चंद्रग्रहण देश-दुनियाभर में मंदिरों के कपाट बंद किए जाते हैं पर मां वैष्णो देवी के कपाट निरंतर खुले रहते हैं..

सूर्य ग्रहण : माता वैष्‍णो देवी की प्रात:कालीन दिव्य आरती का समय भी बदला, खुले रहे कपाट

नई दिल्‍ली/जम्‍मू : आज साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लग रहा है, जिसे इस सूर्य ग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया गया है. इसका असर पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी देखने को मिलेगा. सूर्य ग्रहण सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हुआ, जोकि 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. बता दें कि सूतक 12 घंटे पहले यानी 25 दिसंबर को रात 8 बजकर 17 मिनट पर ही लग गया था.

सूर्यग्रहण के कारण मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) की दिव्य आरती प्रात:काल के बजाए सुबह 11:20 बजे होगी. सूर्य ग्रहण को लेकर मां वैष्णो देवी की प्रात: कालीन दिव्य आरती के समय में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा पुजारियों की सलाह पर तब्दीली की गई है. वैसे पारंपरिक तौर पर मां वैष्णो देवी की प्रात:कालीन दिव्य आरती प्रात: 6:20 बजे रोजाना होती है, लेकिन सूर्य ग्रहण को लेकर दिव्य आरती के समय में तब्दीली की गई है और यह दिव्य आरती सुबह 11:20 पर की जाएगी, क्योंकि आज सुबह सूर्य ग्रहण करीब 3 घंटे का रहेगा.

सूर्य ग्रहण के बाद पुजारियों द्वारा मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती सुबह 11:20 बजे की जाएगी. इसी बीच मां वैष्णो देवी की पवित्र पिंडियों को पवित्र स्नान आदि करवाकर दिव्य श्रृंगार कर विधिवत् मंत्रोच्चारण के साथ दिव्य पूजा-आर्चना की जाएगी. हालांकि सूर्य ग्रहण के बावजूद मां वैष्णो देवी के कपाट खुले रहेंगे और श्रद्धालु निरंतर मां वैष्णो देवी के आलोकिक दर्शन करते रहेंगे.

हालांकि सूर्य ग्रहण हो या फिर चंद्रग्रहण देश-दुनियाभर में मंदिरों के कपाट बंद किए जाते हैं पर मां वैष्णो देवी के कपाट निरंतर खुले रहते हैं, क्योंकि श्राइन बोर्ड का कहना है कि सूर्य ग्रहण हो या फिर चंद्र ग्रहण इस काल में श्रद्धालु निरंतर मां वैष्णो देवी के दर्शन करते हैं, क्योंकि श्रद्धालु मां वैष्णो देवी की पवित्र पिंडियों को स्पर्श किए बिना मात्र कुछ दूरी से आलौकिक दर्शन करते हैं... इसलिए मां वैष्णो देवी के कपाट इस काल में बंद नहीं किए जाते हैं.

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