आपके जीवन को सुख, समृद्ध, स्वास्थ्य और सुरक्षा से भरने के लिए अतिविशाल मां महालक्ष्मी जी की प्रतिमा के समक्ष पीतल के पान और नारियल युक्त पीतल के बने 6 लीटर के 5000 कुम्भ अभिमंत्रित किए जाएंगे.
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नई दिल्ली: पिछले एक वर्ष से देश घोर विपत्तियों का सामना कर रहा है और अब इन विपत्तियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इनसे मुक्ति के लिए सरकार से लेकर आम जनता सभी लोग प्रयास कर रहे हैं. हम सभी चाहते हैं कि देश समृद्ध, सुरक्षित और स्वस्थ बने. देश के वातावरण में फैली अशुद्धियां समाप्त हों और भारतवासी शांति से अपना जीवन जी सकें. इसी उद्देश्य से राष्ट्रसंत डॉ श्री वसंत विजय जी महाराज के पावन सान्निध्य में श्री विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान किया जा रहा है. ये अनुष्ठान 14 से 23 जुलाई 2021 तक चलेगा.
चेन्नई से 265 किलोमीटर और बंगलुरु से 90 किलोमीटर दूर स्थित मां पद्मावती की दिव्य कृपा और ऊर्जा से ओत-प्रोत "श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम" पर 40,000 वर्गफुट के विशाल यज्ञ मंडप में 108 प्रकांड पंडित द्वारा इस महाअनुष्ठान का आयोजन होगा.
सुख-समृद्धि से भर जाएगा जीवन
आपके जीवन को सुख, समृद्ध, स्वास्थ्य और सुरक्षा से भरने के लिए अतिविशाल मां महालक्ष्मी जी की प्रतिमा के समक्ष पीतल के पान और नारियल युक्त पीतल के बने 6 लीटर के 5000 कुम्भ अभिमंत्रित किए जाएंगे. घर को स्वर्ग बनाने वाले इन दिव्यकलशों को महालक्ष्मी कुबेर मंत्रों से 1 करोड़ कुमकुम पूजन, 10 लाख हवन आहुतियों और 25 लाख धन्वंतरि कुबेर जाप के साथ सिद्ध किया जाएगा.
इन दिव्यकलशों में 170 दुर्लभ औषधियां, विभिन्न इत्र, नवरत्न, 32 प्रकार के उपरत्न, 32 प्रकार के हीलिंग जेम स्टोन्स और भारत के 106 वैष्णव दिव्यक्षेत्र, जहां भगवान श्री नारायण और मां लक्ष्मी प्रत्यक्ष विराजमान हैं, ऐसे तीर्थों में लक्ष्मी मां के चरणों में पूजित/अभिमंत्रित अतिविशिष्ट कुंकुम को सभी कलशों में भरा जाएगा.
जन भागीदारी से होने वाले इस महायज्ञ में लगभग 10 हजार किलो सफेद चंदन, लालचंदन, पीलाचंदन, 50 किलो से अधिक केसर, देवदार, अगर, तगर, आम्र की लकड़ियां, 10 हजार किलो विभिन्न औषधियां और 2 हजार किलो गाय का शुद्ध देसी घी डाला जाएगा.
देश कल्याण के इस महाविधान में महालक्ष्मी मां की कृपा, पूज्य गुरुदेव श्री का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त कर ने और अपने सौभाग्य को अतिशीघ्र जगाने के लिए कोई भी व्यक्ति अपनी शक्ति व सामर्थ्य अनुसार हवन सामग्री जैसे की चंदन की लकड़ियां, गाय का घी, केसर, मेवे इत्यादि भेंट कर श्रद्धा समर्पित कर सकता है.
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कलश प्राप्ति हेतु ‘पहले आएं, पहले पाएं’ के आधार पर निःस्वार्थ भाव से लागत के मूल्य में यह कुम्भ सिर्फ प्रथम आने वाले 5000 शाकाहारी परिवार को ही दिया जाएगा. पूज्य गुरुदेव श्री, माता महालक्ष्मी जी तथा अनेकों देवताओं के आशीर्वाद से अलौकिक ऊर्जामय यह कलश आपके घर को स्वर्ग बना देगा.
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