महाभारत में पांडवों को युद्ध जिताने के लिए विदुर की भूमिका बेहद खास थी. इसलिए महाभारत काल के ज्ञानियों में विदुर का नाम शामिल है. महात्मा विदुर की नीति कलयुग में भी जीवन में उतारने योग्य है.
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Vidur Niti: महाभारत काल के ज्ञानियों में विदुर का भी नाम शामिल है. विदुर ने अपनी नीति में जीवन को सुगम और सरल बनाने के लिए कई बातों का जिक्र किया है. इसलिए महात्मा विदुर की नीति कलयुग में भी जीवन में उतारने योग्य है. कहा जाता है कि महाभारत में पांडवों को युद्ध जिताने के लिए विदुर की भूमिका बेहद खास थी. आगे जानते हैं कि विदुर नें किन लोगों को बिना मांगे सलाह देनी चाहिए.
"शुभं वा यदि वा पापं द्वेष्यं वा यदि वा प्रियम्। अपृष्टस्तस्य तद् ब्रूयाद् तस्य नेच्छेत् पराभवम्" इस श्लोक के माध्यम से विदुर कहते हैं कि अपनों को बिना मांगे सलाह देनी चाहिए. साथ ही महात्मा विदुर कहते हैं कि संतान कितना भा प्यार क्यों न हो उसे सलाह देने से हिचकना नहीं चाहिए. विदुर के मुताबिक कुछ समय के लिए हो सकता है कि उन्हें बुरा लगे, लेकिन भविष्य के लिए यह अच्छा है.
महात्मा विदुर के मुताबिक जिनका आप हित चाहते हैं. उसके हित का सदैव ख्याल रखना चाहिए. उनकी गलतियों को लेकर तुरंत टोकना चाहिए. इसके बाद का फैसला उन पर छोड़ देना चाहिए. विदुर के अनुसार ऐसा करने से इंसान को मन में अपनापन का संतोष रहता है.
महात्मा विदुर ने ज्ञानी लोगों की पहचान बताई है. विदुर कहते हैं कि क्रोध से दूर रहने वाला सच्चा ज्ञानी है. जिस इंसान के भीतर अहंकार नहीं होता, वह ज्ञानवान कहलाने लायक है. इसके अलावा जो इंसान अहंकार, दुष्कर्म, अति-उत्साह, स्वार्थ और उद्दंडता आदि दुर्गुणों से दूर रहता है वे वास्तव में ज्ञानी हैं. महात्मा विदुर के मुताबिक व्यक्ति ज्ञानी है जो लोग अपने कार्य को सफलता से पूरा होने के बाद ही किसी से बताते हैं. इसके अलावा आम इंसान को भी चाहिए कि वह भी अपने महत्वपूर्ण कार्यों को लेकर सावधानी रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)