Sankashti Chaturthi 2021: आज है एकदंत संकष्टी चतुर्थी, जानें व्रत-पूजा की पूरी विधि
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से भगवान गणपति प्रसन्न होते हैं. यह व्रत चंद्रमा के उदय के बाद ही पूरा माना जाता है.
नई दिल्ली: प्रथमपूज्य भगवान गणपति की आराधना के लिए की जाने वाली संकष्टी चतुर्थी आज (29 मई 2021, शनिवार) को ज्येष्ठ माह की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Ekdant Sankashti Chaturthi) का बहुत महत्व बताया गया है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक यह व्रत करने से विघ्नहर्ता भगवान गणेश (Lord Ganesha) सारे दुख-परेशानियां हर लेते हैं.
बने हैं 2 शुभ योग
इस बार की एकदंत संकष्टी चतुर्थी खास है क्योंकि इस दिन 2 विशेष योग- शुभ और शुक्ल योग भी बन रहे हैं. शुभ योग सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक है. वहीं इसके बाद शुक्ल योग है. आज का संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से बहुत लाभ मिलेगा. संकष्टी चतुर्थी के मामले में यह बात खास है कि यह व्रत (Vrat) रात में चंद्रमा के उदय होने पर उसे अर्ध्य देने के बाद ही पूरा माना जाता है.
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संकष्टी चतुर्थी के Shubh Muhurat
ब्रह्म मुहूर्त- 03:35 सुबह से 04:17 सुबह तक.
अभिजीत मुहूर्त- 11:18 सुबह से 12:13 शाम तक.
विजय मुहूर्त- 02:01 दोपहर से 02:55 दोपहर तक.
गोधूलि मुहूर्त- 06:19 शाम से 06:43 शाम तक.
अमृत काल- 01:40 दोपहर से 03:08 दोपहर तक.
निशिता मुहूर्त- 11:25 रात से 12:06 प्रातः मई 30 तक.
चन्द्रोदय मुहूर्त: रात 10 बजकर 30 मिनट.
ऐसे करें संकष्टी चतुर्थी व्रत
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके घर में बने मंदिर की सफाई करें और आसन पर बैठकर व्रत का संकल्प लें. पूजन के दौरान भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं. हो सके तो मोदक का भोग जरूर लगाएं. यह व्रत सूर्योदय से लेकर चन्द्रमा के उदय होने तक रखा जाता है. शाम को चंद्रमा के दर्शन करके और उसके बाद भगवान को भोग लगाकर ही अपना व्रत खोलें.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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