Vastu Tips: खाने में एक साथ नहीं परोसी जातीं 3 रोटियां, जानें क्या है कारण
Vastu Tips For Home: खाने में एक साथ तीन 3 रोटियाें काे पराेसना अशुभ माना जाता है क्याेंकि जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तब उसकी थाली में तीन राेटियां रखी जाती हैं.
Written ByZee News Desk|Last Updated: Jan 30, 2023, 11:30 AM IST
Vastu Tips For Food: अधिकतर घरों में थाली में एक साथ तीन रोटियां नहीं रखते हैं. ना ही किसी को तीन रोटियां पैक करके दी जाती हैं. इसके पीछे का असली कारण क्या है यह ज्यादातर लोगों को नहीं पता है. मगर इस चीज को मानते सभी हैं. यदि घरों में छोटे बच्चे कभी तीन रोटी ले भी ले लेते हैं तो उन्हें समझाया जाता है. यह सिर्फ रोटी के लिए ही नहीं पूड़ी-पराठे के लिए भी है. 3 अंक के पीछे एक मान्यता जुड़ी हुई है. जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं. शायद आपको भी इस बारे में अधिक जानकारी नहीं होगी.
ज्योतिष में तीन की संख्या को अच्छा नहीं माना गया है. 3 अंक को पूजा-पाठ या आम जीवन में भी नहीं शामिल करते हैं. जिस कारण से इसे और अशुभ मानते हैं. माना जाता है कि मृतक के नाम से लगाई जाने वाली भोजन की थाली में 3 रोटियां रखी जाती हैं. जिसके कारण जीवंत व्यक्ति की थाली में 3 रोटियां रखना अशुभ होता है. इसलिए घरों में तीन रोटियां नहीं दी जाती हैं. हमेशा थाली में तीन रोटी परोसने से बचा जाता है. इसी कारण किसी भी चीज को तीन की संख्या में नहीं परोसते हैं.
एक साथ नहीं खानी चाहिए 3 रोटियां
अगर वैसे देखा जाए तो खाने में तीन रोटियां एक साथ इसलिए भी नहीं खानी चाहिए क्योंकि शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है. इसको कंट्रोल में रखने के लिए एक समय में दो रोटियां पर्याप्त मानी गई हैं. साथ में एक कटोरी दाल, 50 ग्राम चावल और एक कटोरी सब्जी सबसे अच्छा भोजन होता है. हल्का भोजन करने से आपका शरीर हमेशा फिट रहता है और ऊर्जावान रहता है. अधिक भोजन करने से शरीर का फैट बढ़ता है और आलस भी बना रहता है. इन सब चीजों से बचने के लिए हमेशा एक समय पर हल्का भोजन करना चाहिए.
वैज्ञानिक आधार कोई नहीं
थाली में रोटी परोसने का वैज्ञानिक आधार कोई नहीं है. इसके पीछे सही क्या मान्यता है यह तो कोई नहीं जानता है. मगर यह बात सदियों से चली आ रही है. इस कारण इसका सभी लोग पालन करते हैं. मगर वैज्ञानिकों ने इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया है. यह लोगों की बनाई गई मान्यता है. इसलिए लोग सदियों से मानते आ रहे हैं और आज भी घरों में माना जा रहा है.