नई दिल्ली. मनुष्य के जीवन में वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) का बेहद महत्व है. वास्तु शास्त्र में दिशाओं (Direction) के हिसाब से ही लाभ और हानि का उल्लेख किया गया है. वास्तु के पांच तत्वों-अग्नि, जल, आकाश, वायु और पृथ्वी के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है. अगर आपने अपना घर वास्तु शास्त्र के हिसाब से नहीं बनवाया है, तो आपको कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ा सकता है.


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वास्तु के हिसाब से हो वॉशरूम
घर में टॉयलेट (Toilet) हमेशा वास्तु शास्त्र के हिसाब से ही बनवाना चाहिए. अगर आप घर की गलत दिशा में टॉयलेट बनवाते हैं तो आजीवन आपको धन की कमी से जूझना पड़ता है. आज हम आपको बताएंगे कि घर में टॉयलेट बनवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसी हो उत्तर-पूर्व दिशा (North-East Direction).


उत्तर-पूर्व दिशा में न बनवाएं
वास्तु शास्त्र में उल्लेख किया गया है कि घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान कुबेर वास करते हैं. उस दिशा में कभी भी टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घर में बनी रहती है और घर में धन का आगमन रुक जाता है.


उत्तर-पूर्व दिशा में न रखें जूते-चप्पल
कई बार लोग उत्तर-पूर्व दिशा में जूते-चप्पल रख देते हैं, ऐसा करने से भी धन की कमी होती है. अगर आपने कुछ ऐसा किया है तो तुरंत उस जगह से जूते-चप्पल को हटा दें.


उत्तर-पूर्व दिशा हमेशा रखें साफ
उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए. धन के आगमन के लिए कुबेर यंत्र इस दिशा में जरूर रखें. साथ ही उत्तर-पूर्व दिशा की दीवार पर दर्पण लगाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है.


घर का कूड़ेदान भी इस दिशा में न रखें.


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