Vastu Tips: जमीन खरीदने से पहले आखिर कैसे करें वास्तु दोष की पहचान?
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Vastu Tips: जमीन खरीदने से पहले आखिर कैसे करें वास्तु दोष की पहचान?

भूमि का कारक ग्रह मंगल और चतुर्थ भाव मजबूत होने पर जातक अक्सर भूमि खरीदने की स्थिति में आ जाता है.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: जब भी कोई व्यक्ति मकान बनवाना चाहता है तो उसे भूमि की आवश्यकता होती है. भूमि का कारक ग्रह मंगल और चतुर्थ भाव मजबूत होने पर जातक अक्सर भूमि खरीदने की स्थिति में आ जाता है. अपने सपनों का आशियाना या फिर दुकान आदि खरीदने या बनवाने से पहले वास्तु के अनुसार दिशाओं का ही नहीं बल्कि भूमि की शुभता-अशुभता का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी होता है. ऐसे में किसी भी भूमि को खरीदने या फिर उस पर निर्माण कराने से पहले इन तमाम विधियों के द्वारा एक बार जरूर जांच कर लें —

— जिस जमीन को खरीदना या फिर उसमें निर्माण करवाना हो वहां पर भूमि में एक हाथ लंबा और एक हाथ चौड़ा गड्ढा बना लें. इसके बाद उसमें मिट्टी से पत्थर निकाल कर अलग रखें. इसे खोदने के बाद एक बार फिर इस गड्ढे को उसी मिट्टी और पत्थरों से भर दें. यदि खोदी गई जगह पर मिट्टी पहले के मुकाबले बढ़ जाए तो वह भूमि शुभ मानी जाती है. जबकि बराबर होने पर सम और कम पड़ने पर हानिकारक मानी जाती है.

— किसी भी भूमि के वास्तु दोष को पानी के प्रयोग से भी जांचते हैं. इसके लिए खरीदी जाने वाली भूमि या फिर निर्माण की जाने वाली भूमि पर निर्माण करने से पहले एक हाथ लंबा और एक हाथ चौड़ा गड्ढा खोद लें. इसके बाद उस गड्ढे को पूरा पानी से भर दें. उस समय यदि वह पानी जैसा का तैसा बना रहे तो समझिये कि वह भूमि शुभ है. लेकिन यदि उसी समय वह भूमि पूरा पानी सोख लें तो उसे अशुभ मानना चाहिए.

— भूमि की जांच करने के लिए खरीदी जाने वाली भूमि या फिर निर्माण की जाने वाली भूमि पर निर्माण करने से पहले एक हाथ लंबा और एक हाथ चौड़ा गड्ढा खोद लें. इसमें शाम को लबालब पानी भर कर छोड़ दें. इसके बाद दूसरे दिन जाकर देखें यदि वहां पर आपको जल दिखाई दे तो भूमि को शुभ मानिए. यदि कीचड़ दिखाई दे तो सम और यदि जमीन सूखी मिले और उसमें दरार पड़ी हो तो उसे अशुभ मानना चाहिए.

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— भूमि की पहचान मिट्टी के रंग और सुगंध से भी की जाती है. जैसे मिट्टी सुगंध और मिठास लिए हो तो वह धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य हेतु बनाए जाने वाले भवन के लिए शुभ होती है.

— यदि मिट्टी लाल रंग और हल्की गंध लिए खटास वाली हो तो वह किसी भी व्यापार या फिर व्यापारी के लिए अत्यंत शुभ होती है. काली और हल्की गंध के साथ कड़वे स्वाद वाली काली मिट्टी पर भवन बनाना सभी के लिए शुभ होता है.

— पीली मिट्टी और तीखी गंध वाली मिट्टी जिसका स्वाद कसैला हो वह प्रशासनिक अधिकारियों के लिए उत्तम मानी जाती है.

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