ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के गुण से रिश्तों का संबंध है. अगर रिश्तों सें संबंधित ग्रह कमजोर होते हैं तो रिश्ता बिगड़ने लगता है. वहीं रिश्तों में मधुर संबंध से जीवन खुशहाल रहता है.
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नई दिल्ली: ज्योतिष के मुताबिक हर ग्रह का विशेष गुण होता है. ग्रहों के गुण से रिश्तों का संबंध होता है. अगर रिश्तों सें संबंधित ग्रह कमजोर होते हैं तो रिश्ता बिगड़ने लगता है. ऐसे में रिश्ते को ठीक करके ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी सही कर सकते है. जानते हैं कि किस ग्रह का रिश्तों के साथ क्या संबंध है और रिश्तों को मधुर बनाने के लिए क्या करना चाहिए.
सूर्य- पिता का संबंध सूर्य ग्रह से माना गया है. ऐसे में पिता का सम्मान करने से सूर्य मजबूत होते हैं. ऐेसे में नियमित पिता के चरण स्पर्श करना चाहिए. साथ ही पिता की देखभाल भी करनी चाहिए. यदि पिता नहीं हैं तो सूर्य को जल देकर पिता का ध्यान करें.
चंद्रमा- चंद्र ग्रह से माता का संबंध होता है. जो लोग मानसिक समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें माता का आशीर्वाद लेना चाहिए. अगर माता नहीं हैं तो देवी की उपासना शुभफलदायी साबित होगा.
मंगल- भाई बहन का रिश्ता मंगल ग्रह से जुड़ा है. भाई बहनों के साथ मधुर संबंध रखने से जीवन पर मंगल का शुभ प्रभाव होता है. ऐसे में भाई बहनों की हरसंभव मदद करनी चाहिए. भाई बहन नहीं हैं तो हनुमानजी की उपासना करें.
बुध- ननिहाल के रिश्ता का संबंध बुध ग्रह से है. नाना-नानी या ननिहाल के लोगों का निरादर करने से बुध ग्रह कमजोर होता है. ऐसे में ननिहाल के लोगों के साथ अच्छा संबंध रखें.
बृहस्पति- दादा-दादी और पूर्वजों का संबंध बृहस्पति से है. इसलिए दादा दादी और बुजुर्गों का सम्मान जरूर करें. उन्हें समय-समय पर कपड़े मिठाई उपहार में दें.
शुक्र- लाइफ पार्टनर का संबंध शुक्र ग्रह से है. ऐसे में जीवनसाथी से मधुर संबंध रखने पर शुक्र ठीक रहता है. इसलिए अपने लाइफ पार्टनर का सम्मान करें. इसके अलावा घर में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें.
शनि, राहु, केतु- सहकर्मियों से शनि, राहु और केतु का संबंध होता है. सहकर्मियों के साथ अच्छा रिश्ता रखने से शनि, राहु और केतु ठीक रहते हैं. वहीं सहकर्मियों का शोषण करने से शनि, राहु और केतु का बुरा प्रकोप झेलना पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)