दुनिया भर के बाघों में से 50 फीसदी रहते हैं भारत में
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दुनिया भर के बाघों में से 50 फीसदी रहते हैं भारत में

पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि सही मायनों में ‘जैव विविधता भारत में है’ क्योंकि विश्व के 50 प्रतिशत बाघ हमारे यहां वास करते हैं और एशियाई शेर केवल हमारे यहां ही पाए जाते हैं।

दुनिया भर के बाघों में से 50 फीसदी रहते हैं भारत में

नई दिल्ली : पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि सही मायनों में ‘जैव विविधता भारत में है’ क्योंकि विश्व के 50 प्रतिशत बाघ हमारे यहां वास करते हैं और एशियाई शेर केवल हमारे यहां ही पाए जाते हैं।

 

जावड़ेकर ने यहां चिड़ियाघर और एक्वैरियम विश्व संघ के 69 वें सालाना सम्मेलन में यह बात कही। इस सम्मेलन के विषय ‘जैव विविधता हम से है’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए यह विषय अधिक उपयुक्त है, क्योंकि भारत विविध वास पारिस्थितिकी तंत्र, संस्कृति, धर्म, परंपरा, भाषा और भोजन वाला देश है।

उन्होंने कहा,‘विश्व के 34 जैव विविधता वाले आकर्षण केन्द्रों में से चार भारत में हैं और विश्व के कुल बाघों का 50 प्रतिशत भारत में वास करते हैं। इसके अलावा 60 प्रतिशत एशियाई हाथी और गैंडे भी भारत में ही वास करते हैं। यही नहीं, जीवित एशियाई शेर केवल भारत में ही पाए जाते हैं।’ पर्यावरण मंत्री ने कहा कि साथ ही भारत में विश्व का 2.4 प्रतिशत भूमि क्षेत्र है लेकिन विश्व की 7.8 प्रतिशत जैव विविधता का यह घर है। यहां पशुओं की 91, 000 और पौधों की 45, 000 प्रजातियां पाई जाती हैं।

यह सम्मेलन वैश्विक जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जैव विविधता संरक्षण और योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विचार विमर्श करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

 

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