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नई दिल्ली: उल्कापिंड (Meteorite In Crystal Ball) और अंतरिक्षीय पत्थरों (Space stones) के टुकड़ों से बनाए गए क्रिस्टल बॉल (Crystal Ball) की नीलामी की जा रही है. इसकी नीलामी मशहूर ऑक्शन हाउस क्रिस्टीज (Christie's) कर रही है. आपको बता दें कि नीलामी की ऑनलाइन प्रक्रिया 5 फरवरी से शुरू हो चुकी है और 23 फरवरी 2021 तक चलेगी. तो अगर आप भी इसे खरीदना चाहते हैं तो क्रिस्टीज की साइट पर जाकर प्रयास कर सकते हैं. इससे पहले जानिए इस पत्थर के पीछे के विज्ञान को.
गौरतलब है कि इस क्रिस्टल बॉल में ज्यादातर पत्थर सिमचैन उल्कापिंड (Seymchan Meteorite) के हैं. ये उल्कापिंड साइबेरिया (Siberia) में जून 1967 को गिरा था. इसके अलावा इसमें कई बेशकीमती एलियन पत्थर भी लगे हैं. एलियन पत्थर को ये नाम इसलिए दिया गया है कि ये उस जगह से आए हैं जिसकी जानकारी या तो इंसानों को है नहीं, या फिर कम है.
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इसके अलावा इस क्रिस्टल बॉल में 30 जून 1957 में ब्राजील के इबित्रा (Ibritra of Brazil) में गिरे उल्कापिंड के टुकड़े (Meteorite In Crystal Ball) लगे हैं. साथ ही इसमें माली के सहारा रेगिस्तान (Sahara Desert) में 16 इंट के उल्कापिंड के टुकड़े भी लगे हैं. इस उल्कापिंड का वजन 2 किलोग्राम था. ऑक्शन हाउस क्रिस्टीज (Christie's) का मानना है कि इस क्रिस्टल बॉल की बोली 350,000 डॉलर्स यानी 2.54 करोड़ रुपए तक जा सकती है. फिलहाल इसकी बोली कुछ डॉलर्स से शुरू होकर अभी 70 हजार डॉलर्स यानि करीब 50.49 लाख रुपए पर टिकी है.
क्रिस्टीज के साइंस एंड नेचुरल हिस्ट्री डिपार्टमेंट (Science and Natural History Department) के प्रमुख जेम्स हिसलोप ने बताया कि उल्कापिंडों के पत्थरों को चार S पर मापा जाता है. पहला Size, दूसरा Shape, तीसरा Story और चौथा Science. अंतरिक्ष से गिरने वाले बड़े पत्थर छोटे पत्थरों की तुलना में ज्यादा कीमती माने जाते हैं. क्योंकि उनमें से प्रचुर मात्रा में रिसर्च के लिए मैटेरियल मिलता है. ये महंगे बिकते भी हैं.
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नीलामी से पहले द मेटियोरिटिकल सोसाइटी (The Meteoritical Society) द्वारा इन टुकड़ों की जांच की गई है. ये जांच इसलिए की गई ताकि ये पुख्ता किया जा सके कि ये ओरिजिनल एलियन पत्थर हैं. जिन्हें इस क्रिस्टल बॉल में गढ़ा गया है. इन पत्थरों को जांचने के लिए हीरे को जांचने जैसा पैमाना तय किया गया है. यानी 4 पैमाना- पहला Carat, दूसरा Color, तीसरा Clarity और चौथा Cut. वहीं उल्कापिंडों के पत्थरों को चार S पर मापा जाता है. Size, Shape, Story और Science
दरअसल, इनसे ये पता चलता है कि हमारा सूरज, चंद्रमा, अन्य ग्रह कैसे बना और इसलिए इनकी कीमत ज्यादा होती है. अगर कोई दुर्लभ पत्थर हाथ लग जाए तो आप उसे बेचकर करोड़पति भी हो सकते हैं. विज्ञान कहता है कि हर मेटेयोराइट्स के अंदर एक नया रहस्य छिपा होता है. बस उसे समझने की जरूरत होती है.
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इस क्रिस्टल बॉल में उल्कापिंड के पत्थर भी लगे हैं जो साइबेरिया के सिखोटे एलिन पहाड़ पर 12 फरवरी 1947 में गिरा था. इसमें कई पत्थर टेढ़ा और अजीबो-गरीब आकार का भी होता है. लेकिन जब ये वायुमंडल में प्रवेश करता है तो घर्षण की वजह से बॉल के आकार का हो जाता है. ऐसे बॉल्स कि नीलामी नहीं की जा सकती है इसलिए क्रिस्टीज ने एक क्रिस्टल बॉल में ऐसे पत्थरों को जड़ा है.
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