नासा (NASA) ने बताया कि तापमान में बहुत ज्यादा परिवर्तन होता है क्योंकि, वहां ऐसा कोई वातावरण नहीं होता, जो तापमान को मेंटेन रखे.
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नई दिल्ली: आपको ये सुनकर भले ही हैरानी हो, लेकिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) हर दिन 16 बार सूरज के उगने और ढलने का गवाह बनता है. International Space Station पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स अक्सर सोशल मीडिया पर लोगों को अचंभे में डाल देने वाली ऐसी पोस्ट शेयर करते रहते हैं. यहां की तस्वीरें लोगों को हैरान कर देती हैं.
हाल में भी International Space Station के ट्विटर हैंडल पर एक ऐसी ही पोस्ट शेयर की गई है. इसमें बताया गया है कि स्पेसवॉकर्स हर 90 मिनट में सूरज के उगने और ढलने के गवाह बनते हैं. International Space Station धरती का एक चक्कर 90 मिनट में लगाता है और इस दौरान यहां सूरज 16 बार उगता और ढलता है.
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नासा ने इसकी वजह बताई है. एक ट्विटर यूजर ने पूछा था कि क्या इस दौरान एस्ट्रोनॉट्स तापमान में कोई अंतर भी महसूस होता है.
The spacewalkers experience a sunrise and sunset every 90 minutes and @cquantumspin asks if they feel temperature differences in their suits. #AskNASA | https://t.co/yuOTrYN8CV pic.twitter.com/R8ZjQcpQyr
— International Space Station (@Space_Station) September 12, 2021
नासा ने बताया कि स्पेस में तापमान में बहुत ज्यादा परिवर्तन होता है क्योंकि, वहां ऐसा कोई वातावरण नहीं होता, जो तापमान को मेंटेन रखे. सूरज के उगने के समय तापमान 250 डिग्री Fahrenheit तक होता है और सूरज के ढलने पर -250 डिग्री Fahrenheit हो जाता है.
एस्ट्रोनॉट्स इस दौरान सुरक्षित रहते हैं क्योंकि, स्पेससूट इसी हिसाब से बने होते हैं कि बहुत ज्यादा गर्मी का प्रभाव उन पर न पड़े. इस दौरान वो साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट और स्पेसवॉक्स कर सकते हैं.