बिग बैंग की चमक में ब्लैक होल दिखा
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बिग बैंग की चमक में ब्लैक होल दिखा

 वैज्ञानिकों ने नासा की चंद्र एक्सरे वेधशाला का उपयोग कर एक अहम खोज की कि बहुत दूर स्थित एक सुपरमैसिव ब्लैकहोल से निकला एक जेट या फुहार ब्रह्मांड के प्राचीनतम प्रकाश में चमक रही है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह खोज दिखाती है कि पहले की समझ के विपरीत बिग बैंग के पहले कुछ अरब साल बाद शक्तिशाली फुहारों वाले ब्लैक होल आम थे।

बिग बैंग की चमक में ब्लैक होल दिखा

वॉशिंगटन: वैज्ञानिकों ने नासा की चंद्र एक्सरे वेधशाला का उपयोग कर एक अहम खोज की कि बहुत दूर स्थित एक सुपरमैसिव ब्लैकहोल से निकला एक जेट या फुहार ब्रह्मांड के प्राचीनतम प्रकाश में चमक रही है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह खोज दिखाती है कि पहले की समझ के विपरीत बिग बैंग के पहले कुछ अरब साल बाद शक्तिशाली फुहारों वाले ब्लैक होल आम थे।

वैज्ञानिकों के अनुसार इस फुहार से जो प्रकाश मिला है, वह उस समय निकला जब ब्रह्मांड केवल 2.7 अरब साल पुराना था, मौजूदा उम्र का पांचवा हिस्सा। उस समय बिग बैंग से निकले ब्रह्मांडीय पृष्ठभूमीय माइक्रोवेव विकिरण (सीएमबी) की तीव्रता आज की तुलना में बहुत ज्यादा थी।

ब्लैक होल प्रणाली में पाई गई इस फुहार को बी3 0724प्लस409 का नाम दिया गया है। यह कम से कम 3 लाख प्रकाशवर्ष लंबी है। सुपरमैसिव ब्लैक होल से निकली बहुत ही लंबी फुहारों का पता लगाया गया है, लेकिन अभी यह चर्चा का मुद्दा है कि कैसे ये फुहारें एक्सरे छोड़ती हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि बी3 0724प्लस409 में एक्सरे तरंग दैध्र्यों से सीएमबी में इजाफा हो रहा है।

इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाली जेएक्सए के इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस ऐंड ऐस्ट्रोनोमिकल स्टडीज (आईएसएएस) की औरोरा सिमियोनेसक्यू ने कहा, ‘चुंकि हम यह फुहार उस वक्त देख रहे हैं जब ब्रह्मांड तीन अरब साल से कम उम्र का था, निकटवर्ती ब्रह्मांड की तुलना में यह फुहार एक्सरे में 150 गुना चमकीली है।

चूंकि ब्लैक होल से इस फुहार के इलेक्ट्रोन प्रकाश की गति के लगभग बराबर की गति से निकलते हैं, वे सीएमबी विकिरण के समुद्र से गुजरते हैं और माइक्रोवेव फोटोन से टकराते हैं जिससे फोटोन की उर्जा एक्सरे बैंड तक बढ़ जाती है और इनका पदा चंद्र से चल जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि 0724प्लस409 के इलेक्ट्रोनों को लाखों प्रकाश वषरें तक प्रकाश की गति के करीब की गति से गमन करना चाहिए। ब्लैक होल फुहारें आम तौर पर रेडियो तरंग दैध्र्यों पर प्रकाश छोड़ती हैं। इसलिए रेडियो अवलोकनों का उपयोग कर इन प्रणालियों का पता लग जाता है।

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