व्यापार में निवेश करने वालों को आखिर क्यों लगता है डर, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
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व्यापार में निवेश करने वालों को आखिर क्यों लगता है डर, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

एक अध्ययन में कहा गया है कि लम्बी अवधि में होने वाले लाभ की अपेक्षाओं के बावजूद कई लोग निवेश के जोखिमपूर्ण रूपों को अपनाने से क्यों संकोच करते हैं. 

शोधकर्ताओं ने एक अभिनव तरीके से सामाजिक आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और तंत्रिका विज्ञान डाटा इकट्टा किया.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

बर्लिन: वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क में ऐसे भागों की पहचान की है जो लोगों को स्टॉक खरीदने से सावधान करते हैं. एक अध्ययन में कहा गया है कि लम्बी अवधि में होने वाले लाभ की अपेक्षाओं के बावजूद कई लोग निवेश के जोखिमपूर्ण रूपों को अपनाने से क्यों संकोच करते हैं. जर्मनी में बोन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक अभिनव तरीके से सामाजिक आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और तंत्रिका विज्ञान डाटा इकट्टा किया. उन्होंने 29 से 50 साल के कुल 157 पुरुषों से संबंधित विषयों की जांच की. जर्नल साइंटिफिक रिपोटर्स में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया है कि ‘‘इंटीरियर इंसुलर’’ के कॉर्टिकल भाग उन लोगों के बीच अधिक सक्रिय है जो स्टॉक कारोबार नहीं करते हैं.

बॉन विश्वविद्यालय के डॉक्टोरल छात्र अलेक्जेंडर निकलॉस हाउसलर ने कहा,‘‘इस उम्र समूह में, हम यह मान सकते है कि सभी प्रतिभागियों को वित्तीय निवेश का कुछ अनुभव तो है जो उनके निर्णयों को अधिक यथार्थवादी बनाते हैं.’’ प्रतिभागियों ने पहले अपनी आर्थिक स्थिति, अपने निवेश व्यवहार और जोखिम उठाने की अपनी इच्छाओं पर सवालों के जवाब दिये. 

भरपूर नींद लेने में न करें कोताही, वरना मस्तिष्क होगा कमजोर!
अगर आप बढ़ती उम्र के साथ पर्याप्त नींद नहीं ले रहे, तो सावधान हो जाइए. आपके दिमाग के घटते आयतन का संबंध अपर्याप्त नींद से हो सकता है. हालिया अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, नींद की कमी का संबंध मस्तिष्क के विभिन्न भागों जैसे अग्रभाग (फ्रंटल), कालिक (टेंपोरल) के आयतन में तेजी से कमी से हो सकता है. 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले लोगों में यह बहुतायत तौर पर देखा गया. ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अध्ययन लेखक क्लेयर सेक्सटन ने कहा कि हालांकि अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि नींद में कमी का संबंध मस्तिष्क की रचना में बदलाव से है .  यह अध्ययन 20-84 आयुवर्ग के 147 वयस्कों पर किया गया .  शोधकर्ताओं ने नींद में कमी और मस्तिष्क के आयतन के बीच के संबंध का अध्ययन किया. सेक्सटन ने कहा कि भविष्य में होने वाले शोध में इस बात के अध्ययन की जरूरत है कि क्या नींद में सुधार से मस्तिष्क के आयतन में कमी को धीमा किया जा सकता है .  यह अध्ययन पत्रिका 'न्यूरोलॉजी' में प्रकाशित हुआ है

इनपुट भाषा से भी 

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