भारतीय विज्ञान संस्थान की एक शोध टीम को नैनोमीटर (Nanometer) के जरिए कैंसर के इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है. शोध का सुखद निष्कर्ष यह रहा कि हमें इन कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का एक तरीका मिला और जीवित प्राणियों की भलाई के लिए हम ऐसे शोध बढ़ा रहे हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) की एक शोध टीम को नैनोमीटर (Nanometer) के जरिए कैंसर के इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है. इसमें टीम ने 3 डी ट्यूमर मॉडल (Tumor Model) और चुंबक से संचालित नैनोमीटर का इस्तेमाल कैंसर (Cancer) कोशिकाओं के सूक्ष्म वातावरण को जानने में किया. टीम में सेंटर फॉर नैनो साइंस और इंजीनियरिंग (Centre For Nano Science & Engineering) और डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर रिप्रोडक्शन, डेवलपमेंट और जेनेटिक्स (Department of Molecular Reproduction, Development & Genetics) के लोग शामिल थे.
कोशिकीय वातावरण को जाना
आंगेवांटे केमी में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, घुमावदार नैनोमीटर को बाहरी चुंबकीय क्षेत्र के जरिए चलाया गया ताकि कोशिकीय वातावरण के भीतर होने वाले परिवर्तनों को जान सकें. इस मॉडल में स्वस्थ और कैंसर कोशिकाएं शामिल थीं. टीम में शामिल डेबियन दासगुप्ता ने बताया कि एक ट्यूमर मॉडल में उन्होंने नैनोमीटर को कैंसर कोशिकाओं की ओर धकेला और फिर कैंसर कोशिकाओं के नजदीक मैट्रिक्स से उनके चिपकने का परीक्षण किया. सामान्य कोशिकाओं के आस-पास यह नहीं दिखा.
कैंसर की अहम जानकारियां मिलीं
बाह्यकोशिकीय मैट्रिक्स (ईसीएम) प्रोटीन (Protein) और जीवित कोशिकाओं द्वारा स्रावित कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) से बना होता है. हालांकि जब कैंसर कोशिकाएं ईसीएम (ECM) में ताजा माल स्रावित करती हैं तो यह ईसीएम के भौतिक और रासायनिक यौगिक में विघटित हो जाता है. इससे यह पता चलता है कि कोशिकीय सूक्ष्म वातावरण कैंसर कोशिकाओं के कारण बदल जाता है. इससे कैंसर की प्रगति की अहम जानकारियां मिल सकती हैं.
कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का तरीका मिला
शोध के मुताबिक, कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचे नैनोमीटर सामान्य कोशिकाओं के मुकाबले मैट्रिक्स से ज्यादा मजबूती से चिपकते हैं. इससे यह पता चलता है कि कैंसर कोशिकाएं कुछ कर रही हैं. शोध का सुखद निष्कर्ष यह रहा कि हमें इन कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का एक तरीका मिला और जीवित प्राणियों की भलाई के लिए हम ऐसे शोध बढ़ा रहे हैं.
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