Planet With Comet Like Tail: खगोलविदों को सौरमंडल के बाहर स्थित ग्रह WASP-69 b के बारे में एक हैरान करने वाली बात पता चली है. इस ग्रह की पूंछ किसी धूमकेतु जैसी है और 5.63 लाख किलोमीटर लंबी है.
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Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने WASP-69 b नामक एक्सोप्लैनेट की 'पूंछ' का पता लगाया है. यह 'पूंछ' देखने में किसी धूमकेतु जैसी है. असल में यह गैस का गुबार है जो लगभग 5,63,000 किलोमीटर तक फैला है. गर्म बृहस्पति जैसा यह एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से लगभग 160 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. WASP-69 b की यह 'पूंछ' अपने मेजबान तारे से आने वाले तीव्र रेडिएशन के चलते अपना वायुमंडल खो देने से बन रही है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स (UCLA) की डकोटा टायलर के नेतृत्व में चली स्टडी के नतीजे The Astrophysical Journal में छपे हैं.
WASP-69 b एक एक्सोप्लैनेट (सौरमंडल से बाहर स्थित ग्रह) है. यह एक विशालकाय ग्रह है और अपने तारे के बेहद करीब रहते हुए परिक्रमा करता है. सिर्फ 3.9 दिन में यह अपने तारे का एक चक्कर लगा लेता है.
कैसे बनी ग्रह की इतनी लंबी पूंछ?
WASP-69 b की 5.63 लाख किलोमीटर लंबी पूंछ की खोज ने चौंका दिया है. पता चला कि मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम जैसी हल्की गैसों से बना WASP-69 b का वायुमंडल तेजी से घट रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वायुमंडलीय क्षति की दर लगभग 2,00,000 टन प्रति सेकंड है. इस प्रक्रिया को प्रकाश-वाष्पीकरण (Photo Evaporation) कहते हैं.
ऐसा तब होता है जब तारे का रेडिएशन ग्रह के बाहरी वायुमंडल को गर्म कर देता है, जिससे ये गैसें अंतरिक्ष में निकल जाती हैं. लेकिन, तारकीय हवाओं के चलते यह गैस समान रूप से नहीं फैलती, बल्कि एक पूंछ जैसा आकार ले लेती है. तारकीय हवाएं किसी तारे के कोरोना से निकलने वाले आवेशित कणों की एक सतत धारा को कहते हैं.
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'WASP-69 b का वायुमंडल अभी नष्ट नहीं होगा'
वैज्ञानिकों के अनुसार, पूंछ की लंबाई ग्रह से कम से कम सात गुना अधिक है. रिसर्च टीम ने कहा कि WASP-69 b तेजी से अपनी गैस खो रहा है लेकिन इसके वायुमंडल के पूरी तरह खत्म होने का खतरा नहीं है. अनुमानित 7 बिलियन साल की जिंदगी में WASP-69 b ने लगभग सात पृथ्वी के बराबर द्रव्यमान खो दिया है.