विख्यात नेत्र सर्जन डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी को गूगल ने ऐसे कहा- HAPPY BIRTHDAY
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विख्यात नेत्र सर्जन डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी को गूगल ने ऐसे कहा- HAPPY BIRTHDAY

वेंकटस्वामी को देश में अंधेपन से जूझ रहे लोगों की सेवा के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है.

गूगल के द्वारा बनाया गया डूडल

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल (Google) ने सोमवार को भारत के जाने-माने नेत्र सर्जन डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (Dr. Govindappa Venkataswamy) को उनका 100वां जन्मदिन होम पेज पर डूडल (Dooogle) बनाकर मनाया. वेंकटस्वामी का जन्म 1 अक्टूबर 1918 में हुआ था. इन्हें देश में अंधेपन से जूझ रहे लोगों की सेवा के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है.

वेंकटस्वामी 87 साल की उम्र में 7 जुलाई 2006 को दुनिया से अलविदा हो गए. आंखों के इलाज को लेकर उन्होंने एक मिसाल पेश किया. उन्होंने अपने जीवन में लाखों लोगों की जिंदगी में रोशनी बिखेरी. उनकी बेहतरीन उपलब्धि की वजह से आज गूगल उन्हें सम्मान दे रहा है. 

गठिया होने के बावजूद ऑपरेशन जारी

आंखों के इतने बड़े डॉक्टर भारतीय सेना के मेडिकल कोर में थे. तमिलनाडु में एक गरीब परिवार में जन्मे डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी चेन्नई के स्टैनली मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर की पढ़ाई की थी. हालांकि समय ने उनके स्वास्थ्य़ पर गहरा असर डाला. उन्हें एक बेहद गंभीर तरह का गठिया का रोग हो गया और वो किसी मरीज का ऑपरेशन करने में असमर्थ हो गए. इसके बावदूद उन्होंने हिम्मत नहीं खोई और गठिया की वजह से जिस हाथ ने सामान्य तौर पर काम करना बंद कर दिया था, के लिए एक विशेष यंत्र का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.

गठिया की वजह से हाथ की लाचारी के बावजूद उन्होंने नेत्र विज्ञान को पढ़ना जारी रखा. उन्होंने फिर से आंखों का ऑपरेशन शुरू किया. एक बार तो एक दिन में उन्होंने 100 मरीज की आंखों में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कर दिया. वह देश में मोतियाबिंद सर्जन के रूप में विख्यात हो गए. भारत सरकार ने वर्ष 1973 में उनके योगदान को देखते हुए  उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था. 

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