गुरुत्वाकर्षण से कहीं ज्यादा ताकतवर है ब्रह्मांड की यह ताकत! जानें कैसे धरती में समाई?
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गुरुत्वाकर्षण से कहीं ज्यादा ताकतवर है ब्रह्मांड की यह ताकत! जानें कैसे धरती में समाई?

Earth's magnetic field: जब से पृथ्वी बनी है, चुंबकत्व उसका अहम हिस्सा रहा है. यह हमारे ग्रह को गुरुत्वाकर्षण से कहीं ज्यादा ताकतवर ढंग से प्रभावित करता है.

गुरुत्वाकर्षण से कहीं ज्यादा ताकतवर है ब्रह्मांड की यह ताकत! जानें कैसे धरती में समाई?

Magnetism Explained: हमारी दुनिया को चलाने वाली मूलभूत ताकतें कैसे अस्तित्व में आईं? इस सवाल का जवाब तलाशते-तलाशते वैज्ञानिकों ने तमाम खोज कर डालीं. थ्योरेटिकल फिजिसिस्ट फ्रैंक क्लोज ने एक CHARGE: Why Does Gravity Rule? नाम की किताब लिखी है. इसमें उन्होंने इन मूल ताकतों के बारे में समझाया है. उनकी नजर में पृथ्‍वी के लिए चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण से भी ताकतवर है. अपनी किताब में उन्होंने यह समझाने की कोशिश की है कि धरती पर चुंबकत्व कैसे विकसित हुआ. आज से कोई पांच अरब साल पहले जब धरती का जन्म हुआ, तब यह गर्म प्लाज्मा थीं. जिसमें इलेक्ट्रिक करंट घूमता रहता था, इसकी वजह से मैग्नेटिक फील्ड बनी. जैसे-जैसे मैग्मा ठंडा हुआ और पृथ्‍वी के सॉलिड आउटर क्रस्ट में बदला, चुंबकत्व लोहे वाले खनिजों में लॉक हो गया. आज भी, धरती के लिक्विड कोर में इलेक्ट्रिक करंट बनता है जिससे एक चुंबकीय क्षेत्र बनता है जो हमारे वायुमंडल और उससे कहीं आगे तक फैला है. 

फ्रैंक क्लोज के मुताबिक, चुंबकत्व, बिजली का ही एक रूप है. दोनों शुरू से ही हमारे आसपास मौजूद रहे हैं. क्लोज ने कहा, 'प्राचीन चुंबकत्व ने धरती के क्रस्ट पर गहरी छाप छोड़ी, जहां यह हमारे ग्रह को कुछ मामलों में गुरुत्वाकर्षण से भी ज्यादा ताकत से प्रभावित करता है.

कैसे हुई चुंबकत्व की खोज?

करीब चार बिलियन साल पहले, धरती की सतह ठंडी हुई. लोहा सबसे स्थिर और प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है. यह चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में आकर चुंबकीय हो गया. बार मैग्नेट और आर्यन फिलिंग्स के जरिए इसे दिखाया जा जा सकता है जो खुद को चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में अलाइन कर लेती हैं. पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र भी काफी कुछ बार मैग्नेट जैसा है. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अंतरिक्ष तक जाते हैं. 

चुंबकीय चट्टानें जिन्हें लोडस्टोन या मैग्नेटाइट कहा जाता है, दुनिया के कई हिस्सों में मिली हैं. इन चट्टानों में उनके चुंबकीय गुण मौजूद हैं जो प्राचीन चुंबकीय ताकतों की ओर इशारा करते हैं. चुंबकत्व की खोज कैसे हुई, इसके बारे में स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है. मैग्नस नाम के एक गडरिये की कहानी दोहराई जाती है जिसके जूतों में लगीं कीलों को मैग्नेटाइट ने जकड़ लिया था.

हजारों साल गुजरे... पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों ने अब तक नहीं मारी पलटी, खतरे में पड़ने वाली है दुनिया?

इंसान ने हजारों साल पहले चुंबकत्व की ताकत पहचान ली थी. 16वीं सदी आते-आते, कई विदेशी यात्रियों ने पूर्वी भारत और चीनी तट से चुंबकीय पत्थरों के मिलने का ब्योरा दर्ज किया है. फ्रैंक क्लोज अपनी किताब CHARGE: Why Does Gravity Rule? में यह बताते हैं कि कैसे चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण की छाया में कहीं दब सा गया. जबकि इसने पृथ्वी की संरचना और इतिहास में अहम भूमिका निभाई है.

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