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नई दिल्ली: मार्स मिशन (NASA Mars Mission) के तहत नासा ने एक कदम और आगे बढ़ा लिया है. मंगल की सतह पर अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का हेलिकॉप्टर Ingenuity लैंड ( Mars Helicopter Ingenuity Landed On Mars) कर चुका है. इसके साथ ही यह दूसरे ग्रह की धरती पर उतरने वाला पहला रोटरक्राफ्ट (NASAs Mars Helicopter Ingenuity) बन गया है. मंगल की धरती बेहद ऊबड़-खाबड़ वाली है इसलिए वहां न ऑर्बिटर देख सकते हैं और न रोवर जा सकते हैं. ऐसे में ऐसे रोटरक्राफ्ट की जरूरत होती है जो उड़ कर मुश्किल जगहों पर जा सके और हाई-डेफिनेशन तस्वीरें ले सके. लेकिन इस वक्त मंगल की सर्द रातें रोटरक्राफ्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.
NASA के अनुसार, एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट के दौरान हेलिकॉप्टर टेक ऑफ के बाद अगर कुछ दूर भी घूमने में सफल रहा तो ये मिशन 90 % कामयाब होगा. इतना ही नहीं, अगर यह सफलता से लैंड होने के बाद भी काम करता रहा तो चार और फ्लाइट्स टेस्ट की जाएंगी. दरअसल, यह टेस्ट पहली बार किया जा रहा है इसलिए वैज्ञानिक इसे लेकर बेहद उत्साहित हैं और हर पल कुछ नया सीखने की उम्मीद में हैं.
#MarsHelicopter touchdown confirmed! Its 293 million mile (471 million km) journey aboard @NASAPersevere ended with the final drop of 4 inches (10 cm) from the rover's belly to the surface of Mars today. Next milestone? Survive the night. https://t.co/TNCdXWcKWE pic.twitter.com/XaBiSNebua
— NASA JPL (@NASAJPL) April 4, 2021
यह आगे चलकर सौर ऊर्जा से भी चार्ज होगा जो मंगल पर धरती की तुलना में कम है लेकिन इसमें हाई-टेक सोलर पैनल लगे हैं जो यह काम आसान कर देंगे. हालांकि, बाद में इसका तापमान कम रखा जाएगा ताकि बैटरी ज्यादा खर्च न हो. मंगल ग्रह की रात बेहद सर्द भरी होती है. यहां 130 डिग्री F तक तापमान गिर सकता है और पहली रात इसे झेलने के बाद अगले दिन टीम देखेगी कि Ingenuity का प्रदर्शन कैसा रहा.
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टीम न सिर्फ ये देखेगी कि हेलिकॉप्टर (Ingenuity On Mars) कैसा चल रहा है, बल्कि इसके सोलर पैनल, बैटरी की हालत और चार्ज भी चेक करेगी. अगले कुछ दिन तक इन पैमानों को टेस्ट किया जाएगा. इस स्टेप के पूरा होने के बाद इसके रोटर ब्लेड्स को अनलॉक किया जाएगा और फिर इसके मोटर और सेंसर टेस्ट किए जाएंगे. मंगल के 30 दिन (धरती के 31 दिन) बाद इसकी एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट की कोशिश होगी.
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