Science News: भारत में आज जब लोग सो रहे होंगे, तब आधी रात को पृथ्वी में प्रवेश करेगा 'अर्जुन', वैज्ञानिकों में छाया जोश
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Science News: भारत में आज जब लोग सो रहे होंगे, तब आधी रात को पृथ्वी में प्रवेश करेगा 'अर्जुन', वैज्ञानिकों में छाया जोश

Mini Moon Arjun News: भारत में आज जब लोग सो रहे होंगे, तब आधी रात को पृथ्वी पर चुपके से 'अर्जुन' का आगमन होगा. इस अनोखी घटना को देखने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिकों में जोश छाया हुआ है.

Science News: भारत में आज जब लोग सो रहे होंगे, तब आधी रात को पृथ्वी में प्रवेश करेगा 'अर्जुन', वैज्ञानिकों में छाया जोश

What is Mini Moon Arjun: भारत में आज रात जब लोग सोए होंगे तो पृथ्वी पर 'अर्जुन' का आगमन होगा. असल में 'अर्जुन' एक मिनी मून है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में "2024 पीटी5" है. करीब 10 मीटर चौड़ाई वाला नन्हा चंद्रमा आज रात पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेगा और फिर 53 दिन विचरण के बाद सौर मंडल की विशालता में वापस लौट जाएगा. हैरत की बात ये है कि इस नन्हें चंद्रमा का नाम 'अर्जुन' अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने रखा है लेकिन उसने यह नाम ही क्यों रखा है. क्या यह दुनिया मे भारत की बढ़ती अंतरिक्ष शक्ति का प्रतीक है या वजह कुछ और है. आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं. 

महज 10 मीटर है नए चंद्रमा का आकार

खगोलविदों के मुताबिक किसी ग्रह के चारों ओर प्राकृतिक रूप से परिक्रमा करने वाले किसी भी पिंड को चंद्रमा कहा जाता है. शनि ग्रह के 146 ज्ञात चंद्रमा हैं, वहीं बृहस्पति के कुल 95 ज्ञात चंद्रमा हैं. जबकि मंगल के दो और पृथ्वी के पास केवल एक चंद्रमा है. शुक्र का कोई ज्ञात चंद्रमा नहीं है. पृथ्वी के चंद्रमा का व्यास 3,476 किलोमीटर है. जबकि 'अर्जुन' यानी "2024 पीटी5" का साइज महज 10 मीटर व्यास का है यानी कि उससे 350,000 गुना छोटा.

खास दूरबीनों से ही देख सकेंगे

इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक यह नन्हा चंद्रमा इतना छोटा है कि उसे खुली आंखों या शौकिया दूरबीनों से देखा नहीं जा सकेगा. इसके लिए कम से कम 30 इंच व्यास वाले एक टेलीस्कोप और एक सीसीडी या सीएमओएस डिटेक्टर की जरूरत होगी. ये स्पेशल दूरबीनें भी देर रात डेढ़ बजे के बाद इस मिनी मून को डिटेक्ट कर पाएंगी. अर्जुन की निगरानी कर रहे इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक यह चंद्रमा पृथ्वी से नहीं टकराएगा और उसकी कक्षा में करीब 2 महीने तक विचरण करने के बाद चला जाएगा. 

25 नवंबर को पृथ्वी से ले लेगा विदा

यूएस की वेबसाइट space.com के मुताबिक कार्लोस डे ला फुएंते मार्कोस और राउल डे ला फुएंते मार्कोस नाम के दो वैज्ञानिकों ने इस नन्हें चंद्रमा के बारे में विस्तार से अपनी रिपोर्ट दी है. मार्कोस ने बताया कि "2024 पीटी 5" की खोज 7 अगस्त, 2024 को एक एस्ट्रायड लास्ट अलर्ट सिस्टम के जरिए की गई थी. यह सिस्टम नासा की ओर से चलाया जाता है. आज पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अर्जुन 25 नवंबर 2024 को विदा ले लेगा. इसरो का ​​नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस (NETRA) भी इस नन्हें उपग्रह पर नजर रख रहा है. 

कैसे दिया गया अर्जुन का नाम?

मार्कोस ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब पृथ्वी के चारों ओर लघु चंद्रमा दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले वर्ष 1997, 2013 और 2018 में भी ऐसा ही देखने को मिला था. उन्होंने इस नन्हें चंद्रमा को अर्जुन नाम दिए जाने का रहस्य भी उजागर किया. उन्होंने बताया कि अर्जुन एक महान धनुर्धर थे और उनके आग बरसाते तीरों को झेलना किसी के वश में नहीं था. ऐसी ही स्पीड इस मिनी मून की भी है. इसलिए इसरो के प्रस्ताव को मंजूर कर अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने इसका नाम अर्जुन कर दिया है. 

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