सूर्य से निकलती दिखी शक्‍त‍िशाली एक्‍सरे वेव, धरती पर सता रहा इस बात का डर
Advertisement

सूर्य से निकलती दिखी शक्‍त‍िशाली एक्‍सरे वेव, धरती पर सता रहा इस बात का डर

सूर्य के अंदर वैसे तो लगातार विस्‍फोट होते रहते हैं जिससे भारी मात्रा में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलते रहते हैं. नासा ने सूर्य से निकलने वाली ऐसे 

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को कैच किया है जिसके अधिक तेज होने पर धरती पर ये नुकसान हो सकता है. 
 

सूर्य से न‍िकलती सोलर फ्लेयर.

नई दिल्‍ली: नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी द्वारा गुरुवार को मिड लेवल की सोलर फ्लेयर की तस्‍वीरें ली गईं. जब उस फ्लेयर के बारे में एनालिसिस किया गया तो साइंटिस्‍ट हैरान रह गए. इन सोलर फ्लेयर से एक्‍सरे वेव निकल रही थी जो यदि धरती तक पहुंच जाएं तो यहां मानव जीवन पर खतरनाक असर डाल सकती हैं. 

  1. नासा ने कैच की सूर्य की डराने वाली तस्‍वीर 
  2. सोलर फ्लेयर के रूप में निकल रहा था इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन 
  3. धरती पर हो सकता है ये नुकसान 

मिनटों से लेकर घंटों तक चल सकते हैं सोलर फ्लेयर्स 

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, यह फ्लेयर गुरुवार को इंटरनेशनल स्‍टैंडर्ड टाइम के अनुसार 1 बजकर 1 मिनट पर और इंडियन स्‍टैंडर्ड टाइम के हिसाब से 11 बजकर 31 बजे देखी गईं. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के शक्तिशाली विस्फोट, जिन्हें सोलर फ्लेयर्स कहा जाता है, मिनटों से लेकर घंटों तक चल सकते हैं. 

 मिड लेवल की खतरनाक एक्‍सरे फ्लेयर

नासा ने इस फ्लेयर को M5.5 क्लास वन के रूप में वर्गीकृत किया है. नासा ने कहा कि ये एक मिड लेवल की खतरनाक एक्‍सरे फ्लेयर थी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "सूर्य ने 20 जनवरी 2022 को मिड लेवल सोलर फ्लेयर का उत्सर्जन किया जो एक बजकर एक मिनट पर चरम पर थीं."

विद्युत पावर ग्रिड, नेविगेशन सिग्नल, रेडियो संचार हो सकते हैं प्रभाव‍ित 

हालांकि ये हानिकारक विकिरण, ग्रह पर जीवन को प्रभावित करने के लिए पृथ्वी के वायुमंडल से नहीं गुजर सकते हैं लेकिन इसकी इंटेंसिटी बहुत अधिक होने पर विद्युत पावर ग्रिड, नेविगेशन सिग्नल, रेडियो संचार को प्रभावित कर सकते हैं. यह अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी जोखिम पैदा करते हैं. 

यह भी पढ़ें: जिसे चंद्रमा पर समझा जा रहा था 'एल‍ि‍यंस' का घर, पास से देखने पर मिस्‍ट्री हुई सॉल्‍वड

सूर्य पर मजबूत चुंबकीय क्षेत्रों की उपस्थिति वाले होते हैं इलाके 

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने कहा,“सौर फ्लेयर्स आमतौर पर सक्रिय क्षेत्रों में होते हैं जो सूर्य पर मजबूत चुंबकीय क्षेत्रों की उपस्थिति से मार्कड इलाके होते हैं; आमतौर पर सनस्पॉट समूहों से जुड़ा होता है. जैसे-जैसे ये चुंबकीय क्षेत्र विकसित होते हैं, वे अस्थिरता के प्‍वांइट तक पहुंच सकते हैं और विभिन्न रूपों में ऊर्जा जारी कर सकते हैं. इनमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन शामिल हैं जिन्हें सोलर फ्लेयर्स के रूप में देखा जाता है."

LIVE TV

Trending news