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नई दिल्ली: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) का पर्सिवियरेंस रोवर (Perseverance Rover) मंगल (NASA s Perseverance Rover is going to land) को छूने जा रहा है. इससे पहले यूएई (UAE) का होप अभियान और चीन (China) का तियानवेन-1 भी मंगल की कक्षा में प्रवेश कर चुके हैं. इनमें से तियानवेन मंगल पर एक लैंडर और एक रोवर भी उतारेगा, लेकिन फिर पर्सिवियरेंस को महत्वपूर्ण है जो भविष्य में नासा के मानव अभियानों (Human Missions) और जीवन संभाविता के लिए कुछ अहम प्रयोग भी करेगा. इस अभियान को लेकर नासा के वैज्ञानिक बेहद उत्साहित हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले भी मंगल पर नासा के 3 रोवर (NASA s Perseverance Rover is going to land) उतर चुके हैं. पर्सिवियरेंस नासा का चौथी पीढ़ी (4th Generation) का मार्स रोवर है. इससे पहले मार्स ग्लोबल सर्वेयर साल 1997 में पाथफाइंडर अभियान में सबसे पहले मंगल पर भेजा गया था. इसके बाद फिर स्पिरिट और अपोर्च्यूनिटी साल 2004 में क्योरिसिटी साल 2012 में मंगल पर भेजे गए थे.
They’ve lit up at @flyLAXairport as I come in for a landing – on Mars, that is. I’ll be “wheels down” on the Red Planet in less than 16 hours.
Get ready to watch online: https://t.co/ZeUixOuMaV #CountdownToMars pic.twitter.com/GULJgV8JMz
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) February 18, 2021
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पर्सिवियरेंस रोवर का यह अभियान कई मायनों में विशेष है. ये नासा का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. यह मंगल के सबसे खतरनाक सटक जजीरो क्रेटर (Jezero Crater) पर उतरेगा, जहां कभी पानी भरा रहता था. पर्सिवियरेंस का प्रमुख लक्ष्य जजीरो क्रेटर में जीवन के संकेत के प्रमाण ढूंढना है. अनुमान लगाया जाता है कि मंगल पर कभी वैसा ही जीवन था जैस पृथ्वी जीवन की शुरुआत के समय था. यदि ऐसा वास्तव में था, तो उम्मीद की जा रही है कि पर्सिवियरेंस को जीवाश्म या जीवन के संकेत मिल सकेंगे.
पर्सिवियरेंस (Perseverance Rover) का प्रमुख उद्देश्य लाल ग्रह पर परिस्थितियों का पड़ताल करना है कि वह इंसानों के लिए कितनी मुफीद हैं. आपको बता दें कि इसके लिए पर्सिविरयरेंस मंगल की सतह पर कई प्रयोग भी करेगा. इनमें सबसे अहम मंगल की वायुमंडल से कार्बनडाइऑक्साइड का उपोयग कर वहीं पर ऑक्सीजन का निर्माण करना शामिल है. भविष्य में नासा का मानव अभियानों के लिहाज से ऑक्सीजन उत्पादन की बहुत महत्वपूर्ण है.
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Tune in to see what to expect from the most difficult Mars landing ever attempted. I’m the most massive and technologically advanced rover to date, and one day from the most harrowing part of my trip: Entry Descent and Landing. https://t.co/UvlXztaw29 #CountdownToMars pic.twitter.com/3cKETTlQM1— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) February 17, 2021
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी मंगल पर अगले दशक में मानव अभियान भेजने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. पर्सिवियरेंस के जरिए नासा बहुत सारे प्रयोग भी करेगा. इसके अलावा जमीन के नीचे जीवन संकेत और तरल पानी की खोज और उनसे संबंधित जांचें भी शामिल हैं. इसके मार्स एनवायर्नमेंटल डायनामिक्स ऐनालाइजर (MEDA) मंगल ग्रह के मौसम का अध्ययन करेंगे. वहां के तापमान, वायुदाब, हवा, रेडिएशन, धूल, आदि की जानकारी से मंगल की जलवायु का अध्ययन किया जा सकेगा.
नासा का पर्सिवियरेंस मंगल की मिट्टी के नमूने जमा करेगा. इसके बाद ये नमूने एक दूसरे अभियान के तहत पृथ्वी पर लाए जाएगें जिसमें यूरोपीय स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर इन नमूने के अध्ययन से मंगल पर जीवन की संभावना और उससे संबंधित इतिहास की जानकारी मिल सकेगी. मंगल से नमूने उठाने का काम नासा करेगा जिसे वह ईएसए के यान तक पहुंचाएगा जो नमूनों को पृथवी तक पहुंचाएंगी.
मंगल पर अभियान भेजना का सही समय तब होता है जब मंगल और पृथ्वी एक दूसरे के बहुत पास आते हैं ऐसा हर 26 महीनों में एक बार होता है. यह पहली बार है जब मंगल पर एक साथ तीन देशों के अभियान गए हैं.
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