अंतरिक्ष में घूम रहे एस्टेरॉयड से जानबूझकर टकराएगा स्पेसक्राफ्ट, जानें क्या धरती को है कोई खतरा?
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अंतरिक्ष में घूम रहे एस्टेरॉयड से जानबूझकर टकराएगा स्पेसक्राफ्ट, जानें क्या धरती को है कोई खतरा?

अंतरिक्ष में घूमते एस्टेरॉयड के संभावित खतरे को टालने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और स्पेसएक्स का स्पेशल मिशन आज से शुरू हो जाएगा. इस मिशन के तहत स्पेसक्राफ्ट जानबूझकर एस्टेरॉयड से टकराएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या टक्कर से एस्टेरॉयड की दिशा बदली जा सकती है. 

फोटो: WION

वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और स्पेसएक्स (SpaceX) एक बेहद खास मिशन शुरू करने वाले हैं. इस मिशन के तहत आज (बुधवार) एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा. ये उड़ान सामान्य उड़ानों से विपरीत होगी, क्योंकि इस स्पेसक्राफ्ट का लक्ष्य अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे एक एस्टेरॉयड (Asteroid) से टकराना है. दरअसल, इस मिशन का मकसद सिर्फ यह जानना है कि टक्कर से एस्टेरॉयड की दिशा में बदलाव होता है या नहीं? ताकि भविष्य में धरती को एस्टेरॉयड के हमलों से बचाया जा सकेगा. 

  1. नासा और स्पेसएक्स लॉन्च करेंगे स्पेसक्राफ्ट
  2. कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस बेस से होगी लॉन्चिंग
  3. भविष्य में आने वाले खतरे को टालना है मकसद 

फॉल्कन-9 रॉकेट से होगी लॉन्चिंग

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, नासा (NASA) और स्पेसएक्स (SpaceX) का स्पेसक्राफ्ट जिस एस्टेरॉयड (Asteroid) से टकराएगा, उससे घरती को कोई खतरा नहीं है. ऐसा केवल यह पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि भविष्य में पृथ्वी की तरफ बढ़ने वाले एस्टेरॉयड को खतरा बनने से पहले किस तरह खत्म किया जा सकता है. इसकी लॉन्चिंग कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 रॉकेट के जरिये बुधवार को होगी.

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DART है इस मिशन का नाम

यह स्पेसक्राफ्ट इस एस्टेरॉयड से 1500 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से टकराएगा, ताकि एस्टेरॉयड की दिशा में होने में बदलाव को रिकॉर्ड किया जा सके. साथ ही टक्कर के दौरान एस्टेरॉयड के वातावरण, धातु, धूल, मिट्टी आदि का भी अध्ययन किया जाएगा. नासा ने एक बयान में बताया कि इस मिशन का नाम है डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test - DART) है. वहीं, जिस तकनीक का इस्तेमाल कर यह कार्य किया जाएगा, उसे काइनेटिक इम्पैक्टर टेक्नीक (Kinetic Impactor Technique) कहा जा रहा है. 

330 मिलियन डॉलर की परियोजना

DART स्पेसक्राफ्ट डिडिमोस (Didymos) नामक एस्टेरॉयड की तरफ बढ़ेगा जिसका व्यास 2600 फीट है. इसके चारों तरफ चक्कर लगाता हुआ एक छोटा चंद्रमा जैसा पत्थर भी है, जिसका व्यास 525 फीट है. नासा के शीर्ष वैज्ञानिक थॉमस जुबुर्चेन ने अपनी तरह की पहली 330 मिलियन डॉलर की इस परियोजना के बारे में कहा कि हम यह सीखने की कोशिश कर रहे हैं कि किसी खतरे को कैसे दूर किया जाए. 

पूरा शहर कर सकते हैं तबाह

नासा लगातार धरती के आसपास से गुजरने वाले नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स पर नजर रखता है. खासतौर पर उसकी दिलचस्पी 460 फीट से बड़े आकार के ऑब्जेक्ट्स में है, जो पूरे के पूरे शहर को तबाह कर सकता है. वर्तमान में, 460 फीट से बड़े 10,000 नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स मौजूद हैं, लेकिन लगभग एक सदी तक इनके धरती से टकराने की कोई संभावना नहीं है. नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल धरती को किसी तरह कोई खतरा नहीं है, लेकिन भविष्य में होने वाले खतरों को टालने के लिए ही DART मिशन अमल में लाया जा रहा है.

 

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