Nova Explosion 2024: NASA के अनुसार, एक सफेद बौने तारे में अचानक धमाका होने वाला है. यह धमाका इतना तेज होगा कि आसमान में कुछ दिनों तक हमें एक 'नया तारा' नजर आएगा.
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Nova Explosion 2024 Date: जल्द ही आपको आसमान में एक 'नया तारा' दिखने वाला है. NASA के मुताबिक, अब से लेकर सितंबर के बीच में कभी भी ऐसा हो सकता है. यह ऐसी दुर्लभ खगोलीय घटना होगी जिसका साक्षी बनने का मौका जीवन में एक ही बार मिलता है. 'नोवा' नाम का एक महाप्रचंड धमाका होगा जिसकी रोशनी पूरे अंतरिक्ष में फैल जाएगी. यह धमाका हमारी आकाशगंगा Milky Way के Corona Borealis या उत्तरी क्राउन तारामंडल में होगा. उत्तरी क्राउन तारामंडल, बूटेस और हरक्यूलिस तारामंडल के बीच स्थित है.
जब कोई महाविशाल तारा भयानक विस्फोट के साथ मरता है, तो उसे 'सुपरनोवा' कहते हैं. 'नोवा' उन अचानक होने वाले धमाकों को कहते हैं जो सफेद बौने तारों में होते हैं. पदार्थ बाहर फेंकने के बाद सफेद बौने तारे बचे रह जाते हैं. यह प्रक्रिया हजारों साल तक चलती रह सकती है.
NASA के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में असिस्टेंट रिसर्च साइंटिस्ट, डॉ. रिबेका हौन्सेल ने कहा, 'कुछ बार-बार होने वाले नोवा हैं जो बेहद कम अंतराल पर होते हैं लेकिन आमतौर पर हम उन्हें इंसान के एक जीवनकाल में दोबारा नहीं देख पाते. हमारे अपने नजदीक में ऐसा होना तो और भी दुर्लभ है.'
Corona Borealis में एक बाइनरी सिस्टम है जिसे T Coronae Borealis के नाम से जाना जाता है. इसमें एक मृत सफेद बौना तौरा और एक बूढ़ा हो चला लाल दानव तारा मौजूद है. लाल दानव तारे तब बनते हैं जब उनके भीतर हाइड्रोजन की सप्लाई खत्म हो चुकी होती है और वे मरने लगते हैं. आज से करीब 5-6 बिलियन साल बाद हमारा सूर्य भी एक लाल दानव में बदल जाएगा.
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हर 80 साल में एक बार, T Coronae Borealis में विस्फोट होता है. इसमें मौजूद दोनों तारे एक-दूसरे के इतने करीब हैं कि अक्सर हिंसक तरीके से टकराते हैं. लाल दानव तारा गर्म होते-होते बेहद अस्थिर हो जाता है, उसकी बाहरी परतों से पदार्थ निकलकर सफेद बौने तारे पर गिरता है. गर्म पदार्थ की वजह से सफेद बौने तारे का तापमान अप्रत्याशित रूप से बढ़ने लगता है. एक समय ऐसा आता है जब थर्मोन्यूक्लियर रिएक्शन होता है और भयानक विस्फोट के साथ पदार्थ अंतरिक्ष में रिलीज होता है.
आखिरी बार T Coronae Borealis में ऐसा धमाका 1946 में हुआ था. धमाके से कुछ महीनों पहले इस स्टार सिस्टम की चमक धुंधली पड़ने लगती है. इस साल मार्च से ही T Coronae Borealis की चमक फीकी पड़ने लगी थी. वैज्ञानिक मान रहे हैं कि 'नोवा' विस्फोट अब से लेकर सितंबर के बीच में कभी भी हो सकता है.
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पृथ्वी से कितनी दूर है T Coronae Borealis?
T Coronae Borealis स्टार सिस्टम हमारे ग्रह से करीब 3,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. इसकी चमक आमतौर पर इतनी कम रहती है कि नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता. हालांकि, नोवा के दौरान इसकी चमक Polaris यानी नॉर्थ स्टार के बराबर पहुंच सकती है. एक बार नोवा की चमक अपने चरम पर पहुंची तो आसमान में ऐसा लगेगा कि एक नया तारा आ गया है. यह 'नया तारा' कुछ दिन ही दिखाई देगा और फिर अगले 80 साल के लिए धुंधला जाएगा.