पीटर हिग्स को मिला दुनिया का सबसे पुराना वैज्ञानिक पुरस्कार
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पीटर हिग्स को मिला दुनिया का सबसे पुराना वैज्ञानिक पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार विजेता पीटर हिग्स दुनिया का सबसे पुराना वैज्ञानिक पुरस्कार रायल सोसायटी के कोपले मेडल को जीतकर चार्ल्स डार्विन और अल्बर्ट आइंस्टीन की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। उन्हें हिग्स बोसोन के सिद्धांत पर काम करने के लिए यह पुरस्कार मिला है जिसका आविष्कार 2012 में किया गया था।

पीटर हिग्स को मिला दुनिया का सबसे पुराना वैज्ञानिक पुरस्कार

लंदन : नोबेल पुरस्कार विजेता पीटर हिग्स दुनिया का सबसे पुराना वैज्ञानिक पुरस्कार रायल सोसायटी के कोपले मेडल को जीतकर चार्ल्स डार्विन और अल्बर्ट आइंस्टीन की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। उन्हें हिग्स बोसोन के सिद्धांत पर काम करने के लिए यह पुरस्कार मिला है जिसका आविष्कार 2012 में किया गया था।

86 वर्षीय हिग्स को कोपले मेडल पार्टिकल फिजिक्स में उनके मूल योगदान को देखते हुए दिया गया है जिसमें मौलिक कणों में द्रव्यमान की उत्पति के सिद्धांत का जिक्र है। इसका लार्ज हैड्रोन कोलाइडर पर प्रयोग कर पुष्टि भी की गई है। कोपले मेडल सबसे पहले 1731 में रॉयल सोसायटी ने दिया था और पहले नोबेल पुरस्कार से 170 वर्ष पहले इसे दिया गया था।

इसे वैज्ञानिक शोध में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए दिया जाता है और हाल में इसे मशहूर वैज्ञानिकों जैसे भौतिकीविद स्टीफन हॉकिंग, डीएनए फिंगरप्रिंट के वैज्ञानिक एलेक जेफरेज और आंद्रे गीम को ग्रेफेन के आविष्कार के लिए दिया गया है। आधुनिक भौतिकी में बताया गया है कि पदार्थ :मैटर: कणों के समूह से बनता है जो बिल्डिंग ब्लॉक के तौर पर काम करता है और इन कणों के बीच बल होता है जिनका नियंत्रण दूसरे कणों का समूह करता है। अधिकतर कणों का मूल गुण है कि उनमें द्रव्यमान (मास) होता है।

1964 में हिग्स ने कणों के अस्तित्व के बारे में एक सिद्धांत प्रस्तावित किया जिसमें बताया गया है कि दूसरे कणों में द्रव्यमान क्यों होता है। साथ ही फ्रैंकोई एंगलर्ट और रॉबर्ट ब्राउट ने भी इसी सिद्धांत का प्रस्ताव दिया है। हिग्स बोसोन के अस्तित्व की पुष्टि दो प्रयोगों से हुई जिसे लार्ज हैड्रन कोलाइडर में 2012 में किया गया। वर्ष 2013 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से हिग्स और एंगलर्ट को दिया गया था। हिग्स ने कहा, ‘इस वर्ष का कोपले मेडल पुरस्कार प्राप्त करना सम्मान की बात है जो रायल सोसायटी का प्रतिष्ठित पुरस्कार है।’

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