आज से तीसरे दिन यानी 4 मार्च को चांद से एक रॉकेट की टक्कर होने वाली है. यह अपने आप में इस तरह की पहली घटना होगी. माना जा रहा है कि यह एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 रॉकेट का हिस्सा है. बाद में यह भी कहा गया कि यह चीन के चांगई 5-टी1 मिशन का रॉकेट हो सकता है.
21 जनवरी को बिल ग्रे ने अपने ब्लॉग में लिखा कि 5 जनवरी को एक स्पेस जंक चांद के बगल से गुजरा. जो 4 मार्च 2022 को चांद की सतह से टकरा सकता है. इस बात की पुष्टि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट जोनाथन मैक्डॉवल ने अपने ट्वीट में भी की.
इसके बारे में दावा किया गया था कि फरवरी 2015 में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फॉल्कन 9 रॉकेट से पर्यावरण पर नजर रखने वाले सैटेलाइट को अंतरिक्ष में 15 लाख किलोमीटर दूर पहुंचाया था. अब उम्मीद है कि 4 मार्च 2022 को यह रॉकेट चांद की सतह से 9288 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से टकराएगा. नीयर अर्थ ऑबजेक्ट्स को ट्रैक करने वाले एस्ट्रोनॉमर बिल ग्रे ने यह दावा किया है.
रॉकेट का हिस्सा चांद से करीब 9288 किलोमीटर प्रतिघंटा की गती से टकराएगा. इस रॉकेट को 7 साल पहले छोड़ा गया था. यह रॉकेट अंतरिक्ष में क्लाइमेट पर नजर रखने वाले सैटेलाइट को लेकर गया था. लेकिन उसके बाद यह अंतरिक्ष में अजीबोगरीब कक्षाओं में चक्कर लगाते हुए अब चांद की तरफ मुड़ गया है.
NASA का कहना है कि इस घटना के समय LRO वहां मौजूद नहीं रहेगा. लेकिन घटना के इम्पैक्ट को वह ट्रेस कर सकेगा. नए और पुराने गड्ढों की पहचान कर सकेगा. क्योंकि अगर रॉकेट का हिस्सा चांद की सतह से टकराएगा तो वहां गड्ढा जरूर होगा.
इस रॉकेट के चांद से टकराने की घटना की साफ तस्वीरें भारतीय चंद्रयान-2 या अमेरिकी लूनर रिकॉन्सेंस ऑर्बिटर ही ले सकते हैं. ये दोनों ही स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह की बारीक फोटो लेने में सक्षम हैं.
चीन का चांगई 5-टी1 मिशन साल 2014 में लॉन्च हुआ था. इस मिशन के तहत ही चांद की सतह से मिट्टी दिसंबर 2020 में धरती पर आई थी. लेकिन 21 फरवरी 2022 को चीन ने साफ इंकार कर दिया किय यह उनका रॉकेट नहीं है.
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