बंदरों ने खाया अपने ही बच्चे का शव, व्यवहार में बदलाव देख वैज्ञानिक रह गए दंग
बंदरों को इंसानों का पूर्वज कहा जाता है. ये इकलौते ऐसे जानवर होते हैं, जिनका व्यवहार भी काफी हद तक इंसानों जैसा होता है. लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध के दौरान बंदरों के अजीब से व्यवहार के बारे में पता चला, जिसे देख वैज्ञानिक भी दंग रह गए.
कैपुचिन बंदरों ने वैज्ञानिकों को चौंकाया
कैपुचिन बंदर (Capuchin Monkeys) के इस व्यवहार को देख एक्सपर्ट हैरान रह गए. छोटे-मोटे कीड़े-मकौड़े और फल-पत्ते खाने वाले ये सफेद मुंह वाले बंदर अचानक से अपने ही बच्चे को कैसे खा सकते हैं.
कैनिबलिज्म
यह एक तरह का कैनिबलिज्म (Cannibalism) यानी मांस भक्षण है. कैनिबलिज्म मतलब अपनी ही प्रजाति के जीवों को खाना. कैपुचिन बंदर (Capuchin Monkeys) सैंटा रोजा नेशनल पार्क में 37 सालों से हैं.
मरे हुए बंदर का शव खाना
सैंटा रोजा नेशनल पार्क में वाइल्डलाइफ साइंटिस्ट एक शोध कर रहे थे. तभी बंदरों ने अपने ही मरे हुए बच्चे का पैर खाना शुरू कर दिया. मरे हुए बंदर की मां वहीं बैठी यह पूरी प्रक्रिया देखती रही.
मादा बंदर ने खाया शव का हिस्सा
इसके बाद 23 साल की वह मां, जो उस समूह की अल्फा मादा थी, उसने अपने बच्चे के शव को खींच लिया और खुद दूसरा पैर खाने लगी. अगले आधे घंटे में मां ने अपने मरे हुए बच्चे के शरीर का निचला आधा हिस्सा खा लिया था. सिर्फ सिर, धड़ और हाथ बचे थे.
दक्षिण अमेरिका के बंदर
दो साल का नर बंदर, जिसने मृत बच्चे को पहले खाना शुरू किया था, उसके हिस्से में सिर्फ पूंछ आई. वह उसे लेकर दूर चला गया. जांच में पता चला कि जिस नर बंदर ने मृत बच्चे को खाना शुरू किया था, वह उसका रिश्ते में भाई लगता था. वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मध्य और दक्षिण अमेरिका के बंदरों के समुदाय में आज तक इस तरह की आठ घटनाएं ही हुई हैं.
कैपुचिन बंदर
आमतौर पर बंदरिया अपने बच्चे के गिरने पर बेहद आक्रामक हो जाती है और किसी पर भी हमला कर सकती है. लेकिन इस मादा बंदर मां ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. सफेद मुंह वाले कैपुचिन बंदर (Capuchin Monkey) फल, पौधे और छोटे जीव-जंतुओं को खाते हैं, जैसे छिपकली, गिलहरी और पक्षी. जब ये शिकार पकड़ते हैं तो पहले उसके चेहरे पर हमला करते हैं.