Saturn: शनि ने छल्ले बनाने के लिए किया अपने चांद का खात्मा! यूं खुला ब्रह्मांड का सबसे बड़ा राज
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Saturn: शनि ने छल्ले बनाने के लिए किया अपने चांद का खात्मा! यूं खुला ब्रह्मांड का सबसे बड़ा राज

Sauturn News: हमारे वैज्ञानिक बीते कई दशकों से ब्रह्मांड की अनसुलझी गुत्थियां और राज सुलझाने में लगे हैं. अनंत आकाश की तरह विशाल इस यूनिवर्स में कई ग्रहों पर शोध जारी है. इस कड़ी में चांद (Moon) और मंगल (Mars) की जानकारी से इतर शनि (Sauturn) को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. 

शनि ग्रह की फोटो साभार: Nasa

Saturn may kills his moon: हाल ही में प्रकाशित एक साइंस जर्नल में ग्रहों के राजा शनि (Saturn) के बारे में बड़ा और हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक करीब 10 करोड़ साल पहले शनि ग्रह ने अपने गुरुत्वाकर्षण शक्ति से एक बर्फीले चंद्रमा को जोर से अपनी ओर खींचा और उसे खत्म कर दिया था

छल्ले बनाने के लिए चांद का खात्मा

हमारी गैलेक्सी यानी आकाशगंगा में करोड़ों किलोमीटर दूर कई तारे और ग्रह हैं जो अपना जीवन चक्र पूरा होने के बाद अस्त यानी मर जाते हैं. प्रकति और विज्ञान के नियमों के तहत तारों की भी मृत्यु होती है. इस बीच माना जा रहा है कि करोड़ों साल पहले जब शनि ने एक बर्फीले चांद को अपनी ताकत लगाकर खींचा तो शनि से टकराकर उस चंद्रमा के टुकड़े-टुकड़े हो गए. टकराहट से वापस शनि के चारों तरफ अंतरिक्ष में फैल गए और वो फौरन बेहद खूबसूरत छल्लों में बदल गए. इससे पहले मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिकों ने 42 साल पहले सन 1980 में कहा था कि शनि ग्रह की तुलना में उसके छल्ले 10 करोड़ साल युवा हैं. कई बार इन छल्लों की बर्फ और पत्थर आपस में टकराते हैं.

नासा का बयान

करीब पांच साल पहले साल 2017 में NASA के कैसिनी (Cassini Mission) ने शनि ग्रह से टकराने से पहले कई जरूरी जानकारियां भेजी थीं तब उस अंतरिक्षयान के कॉस्मिक डस्ट एनालाइजर ने बताया था कि कैसे शनि ग्रह से उड़ने वाली धूल छल्लों में आती है. इससे छल्लों घनत्व बढ़ रहा है. और उसके ये छल्ले करीब 10 करोड़ साल पुराने हैं.

 ताजा शोध में क्या मिला?

नई रिसर्च के मुताबिक शनि का अपनी धुरी पर घूमना, फिर उसका हल्का सा टेढ़ा होना. फिर उसके सबसे बड़े चांद टाइटन का ग्रह की तरफ खिंचना और दूर चले जाना. शनि ग्रह सौर मंडल के प्लेन पर 26.7 डिग्री कोण पर घूमा हुआ है. ऐसी ही कुछ वजहों से यह अनुमान लगाया गया है कि शनि ग्रह ने अपने चांद को खींचकर नष्ट किया होगा और उस घटनाक्रम में उड़ी धूल और विस्फोट से निकले पत्थर बर्फ सब मिलकर छल्ले बन गए.

 

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