वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला हिमालय जैसी प्राचीन पर्वत श्रृंखला होने का प्रमाण
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वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला हिमालय जैसी प्राचीन पर्वत श्रृंखला होने का प्रमाण

वैज्ञानिकों ने हिमालय के आकार जैसी एक विशाल प्राचीन पर्वत श्रृंखला होने का साक्ष्य ढूंढा है जो कम से कम 2,500 किलोमीटर लंबी थी तथा उसने 60 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिए पोषण मुहैया किया होगा। यह पर्वत श्रेणी आधुनिक पश्चिम अफ्रीका और उत्तर पूर्व ब्राजील में 2,500 किलोमीटर तक फैला हुआ था जो उस वक्त गोंडवाना महाद्वीप का हिस्सा था।

मेलबर्न : वैज्ञानिकों ने हिमालय के आकार जैसी एक विशाल प्राचीन पर्वत श्रृंखला होने का साक्ष्य ढूंढा है जो कम से कम 2,500 किलोमीटर लंबी थी तथा उसने 60 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिए पोषण मुहैया किया होगा। यह पर्वत श्रेणी आधुनिक पश्चिम अफ्रीका और उत्तर पूर्व ब्राजील में 2,500 किलोमीटर तक फैला हुआ था जो उस वक्त गोंडवाना महाद्वीप का हिस्सा था।

ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कूल ऑफ अर्थ साइंसेज के प्रो. डेनियला रूबाटो ने बताया, ‘ठीक हिमालय की तरह, इस पर्वत श्रृंखला का भी तेजी से क्षरण हो गया क्योंकि यह बहुत विशाल था। इसके अंश के बहकर समुद्र में समा जाने से जीवन के फलने-फूलने के लिए आवश्यक पोषण मुहैया हुआ।’ रूबाटो ने बताया कि वैज्ञानिकों ने कयास लगाया है कि ऐसी विशाल पर्वत श्रृंखला ने समुद्र का अवश्य ही पोषण किया होगा, जिससे जीवन पनपा होगा और उस समय समुद्री संरचना में बदलाव हुआ।

वैज्ञानिकों ने बताया कि पृथ्वी पर हिमालयी आकार वाली पर्वत श्रेणी का यह शुरूआती साक्ष्य है। सह अध्ययनकर्ता प्रो. जोर्ग हरमान ने बताया कि इन पर्वतों की नींव में मौजूद चट्टान प्राचीन पर्वत श्रेणी की विशालता को बयां करते हैं। हर्मन ने बताया कि इस पर्वत श्रृंखला का निर्माण दो महाद्वीपों के टकराने से हुआ था। टक्कर के दौरान भूपर्पटी की चट्टान करीब 100 किलोमीटर नीचे समा गयी जहां उच्च तापमान और दबाव से नये खनिजों का निर्माण हुआ।

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