AI मॉडल का इस्तेमाल कर एंटीबायोटिक बनाने की कोशिश कर रहे इस देश के वैज्ञानिक
Advertisement

AI मॉडल का इस्तेमाल कर एंटीबायोटिक बनाने की कोशिश कर रहे इस देश के वैज्ञानिक

शोधकर्ता एक दवा कंपनी या गैर-लाभकारी संगठन के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं, जो मनुष्यों के उपयोग के लिए एक नए एंटीबायोटिक को विकसित कर सकें.

फाइल फोटो

वाशिंगटन: अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक शक्तिशाली नए एंटीबायोटिक कंपाउंड की पहचान करने के लिए एक AI इंटेलिजेंस एल्गोरिथ्म का उपयोग किया, जो लैब परीक्षणों में दुनिया के सबसे अधिक समस्याग्रस्त रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्नल सेल में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि यह कुछ ऐसे उपभेदों को मार सकता है जो सभी ज्ञात एंटीबायोटिक्स के प्रतिरोधी हैं. 

मैसचूसट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो ई.कोली को मारने में मॉलेक्युल को प्रभावी बनाता है. उन्होंने लगभग 2,700 एफडीए- एप्रुव्ड दवाओं और विभिन्न संरचनाओं के साथ 800 प्राकृतिक उत्पादों का एक सेट और बायोएक्टीविटी की एक विस्तृत श्रृंखला सहित लगभग 2,500 अणुओं पर मॉडल का प्रशिक्षण दिया.

प्रशिक्षण के बाद, एल्गोरिथ्म का परीक्षण लगभग 6,000 कंपाउंड के एक पुस्तकालय में किया गया था, अंत में एक मॉलेक्युल की पहचान करने में मदद मिली, जो एंटीबायोटिक दवाओं से अलग एक रासायनिक संरचना थी. एक चूहों के परीक्षण में, हैलिसिन युक्त मलहम ने ए. बुउमनी के संक्रमण को पूरी तरह से साफ कर दिया, जो 24 घंटे के भीतर सभी ज्ञात एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी है.

एक अन्य अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि E. coli  ने 30 दिनों के उपचार की अवधि के दौरान हेलिसिन के लिए कोई प्रतिरोध विकसित नहीं किया. शोधकर्ता एक दवा कंपनी या गैर-लाभकारी संगठन के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं, जो मनुष्यों के उपयोग के लिए एक नए एंटीबायोटिक को विकसित कर सकें.

ये भी देखें...

Trending news