Orbits of Planets In Solar System: हमारे सौरमंडल के ग्रहों की कक्षाएं अंडाकार क्यों हैं? यह सवाल लंबे समय से वैज्ञानिकों के बीच बहस का विषय रहा है. पृथ्‍वी समेत सौरमंडल के ग्रह अंडाकार कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं. एक नई स्टडी में, वैज्ञानिकों ने ग्रहों की कक्षाओं के विकास पर नई रोशनी डाली है. arXiV पर छपी प्री-प्रिंट स्टडी के अनुसार, एक विशालकाय खगोलीय पिंड के सौरमंडल से टकराने की वजह से कक्षाएं बदल गईं. यह पिंड, बृहस्पति के दोगुने से लेकर 50 गुना तक बड़ा रहा होगा और सौरमंडल के शुरुआती दिनों में टकराया होगा.


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नई स्टडी में चौंकाने वाले दावे


यह स्टडी सौरमंडल के निर्माण के परंपरागत मॉडलों को चुनौती देती है, जिनके अनुसार बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून की कक्षाएं लगभग गोलाकार और सपाट होनी चाहिए. रिसर्च से पता चलता है कि इन ग्रहों का कक्षा का मध्यम झुकाव और थोड़ा लंबे रास्ता - जिसे लंबे समय से रहस्य माना जाता है - एक बार की ब्रह्मांडीय टक्कर का नतीजा हो सकती है.


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स्टडी के अनुसार, बृहस्पति से 2-50 गुना बड़े पिंड ने 6 किलोमीटर प्रति सेकंड से भी कम की गति से चलते हुए, पृथ्वी-सूर्य की दूरी (20 AU) के 20 गुना के भीतर आते हुए, विशाल ग्रहों की कक्षाओं को डगमगा दिया होगा. इसी घटना की वजह से उन्हें उनकी वर्तमान विलक्षणताएं और झुकाव मिले होंगे.


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रिसर्च टीम के सिमुलेशंस इशारा करते हैं कि ऐसी किसी घटना से हमारे सौरमंडल जैसा अरेंजमेंट बनने का चांस 100 में 1 है. यह स्टडी उस विचार को मजबूत करती है कि हमारे सौरमंडल का इतिहास ऐसी नाटकीय घटनाओं से भरा पड़ा है. 


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